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केन्द्रीय मंत्री बोले- लोग शादी कर रहे हैं, ट्रेन-प्लेन फुल हैं, फिर कहां है मंदी

देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सरकार की आलोचना कर रहे हैं. इस पर सुरेश अंगड़ी ने एक बयान में कहा कि लोग पीएम की छवि को धूमिल करने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में हर तीन साल में नरमी आती है लेकिन यह वापस रफ्तार पकड़ लेगी.

केंद्रीय मंत्री सुरेंद्र अंगड़ी

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Published : Nov 15, 2019, 7:09 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 11:33 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सुरेश अंगड़ी ने अर्थव्यवस्था के बारे में विपक्ष की आलोचनाओं को शुक्रवार को खारिज करते हुए कहा कि ‘हवाईअड्डे और रेलगाड़ियां ठसाठस भरी हैं और लोग शादी कर रहे हैं, जो यह बताता है कि देश की अर्थव्यवस्था 'अच्छी चल' रही है.

रेल राज्यमंत्री अंगड़ी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में हर तीन वर्ष में नरमी आती है, लेकिन यह जल्द ही रफ्तार पकड़ लेगी. उन्होंने कहा कि ‘कुछ लोग' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं.

सुरेश अंगड़ी ने की ईटीवी भारत से बातचीत

अंगड़ी ने जल्द शुरू होने जा रहे टुंडा खुर्जा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निरीक्षण के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘हवाईअड्डे भरे हुए हैं, रेलगाड़ियां ठसाठस हैं, लोग शादी कर रहे हैं. कुछ लोग यह सब कुछ केवल नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने के लिए कर रहे हैं.'

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उन्होंने कहा, ‘हर तीन साल में अर्थव्यवस्था में मांग में कमी आती है. यह एक चक्र है. इसके बाद वह फिर रफ्तार पकड़ लेती है.'

अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल सरकार की आलोचना कर रहे हैं.

इससे पहले भी केंद्रीय मंत्रियों ने अर्थव्यवस्था पर किया है मजाकिया टिप्पणी

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बोर्ड ऑफ ट्रेड की बैठक में अर्थव्यवस्था के बारे में बोलते हुए कहा था कि आइंस्टीन को गुरुत्वाकर्षण की खोज करने में गणित ने कोई मदद नहीं की थी. अत: देश की अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर का बनाने के लक्ष्य को गणित के नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिये.

गोयल की इस टिप्पणी के बाद इंटरनेट पर लोगों ने उनकी जमकर खिंचाई की. इंटरनेट उपयोक्ताओं ने मीम्स बनाकर गोयल का मजाक बनाया.

वित्त मंत्री सीतीरमण ने भी इससे पहले कहा था कि कुछ अध्ययन बताते हैं कि गाड़ियों को लेकर युवाओं की सोच बदली है. वे स्वयं का वाहन खरीदकर मासिक किस्त देने के बजाए ओला, उबर या मेट्रो (ट्रेन) सेवाओं को पसंद कर रहे हैं. अत: कोई एक कारण नहीं है जो वाहन क्षेत्र को प्रभावित कर रहे हैं. हमारी उस पर नजर है. हम उसके समाधान का प्रयास करेंगे.

Last Updated : Nov 15, 2019, 11:33 PM IST

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