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मॉब लिंचिंग : सुझावों के लिए मंत्री समूह का गठन, अमित शाह करेंगे अध्यक्षता

भीड़ द्वारा हत्या के मामलों पर सुझाव देने को गठित कमेटी की अध्यक्षता गृह मंत्री करेंगे. बीते कुछ वर्षों में देश में भीड़ द्वारा हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं. इस समस्या के समाधान के लिए एक मंत्रियों का समूह भी गठित किया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह

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Published : Jul 30, 2019, 6:00 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 9:24 PM IST

नई दिल्लीःगृह मंत्रालय के उच्च अधिकारी ने बताया कि भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं से निपटने के सुझाव देने के लिए गठित की गई कमेटी की अध्यक्षता केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. बता दें कि यह कमेटी बीते वर्ष गठित की गई थी.

मंत्रीयों का समूह (GoM) भीड़ हिंसा और लिंचिंग से निपटने के लिए उचित कानूनी ढांचा बनाने और प्रभावी ढंग से इन घटनाओं से निपटने का सुझाव देंगे.

सरकारी सूत्र ने बताया कि समूह के गठन के बाद से GoM अब तक दो बार मिल चुके हैं. हांलाकी नए GoM की बैठक अभी तक नहीं हुई है.

नए समूह में विदेश मंत्री एस जयशंकर, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत शामिल हैं.

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पिछले साल लिंचिंग और भीड़ हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश जारी किए गए थे जिनपर अभी तक अमल न करने का आरोप है. इसी संदर्भ में शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य सरकारों को आदेश दिए कि वह इन आरोपों का जवाब दें.

आपको बता दें कि पिछले एक साल में नौ राज्यों में लगभग 40 लोगों की भीड़ द्वारा हत्या के बाद GoM और सचिवों की समिति का गठन किया गया था. जुलाई 2018 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिंचिंग की घटनाओं पर लगाम लगाने की सलाह दी थी. बता दें कि गृह मंत्रालय ने यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद किया था.

अगस्त में, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में सचिवों की अंतर-मंत्रालयी समिति ने GoM को एक रिपोर्ट दी थी. इसमे भीड़ द्वारा हात्याओं की बढ़ती घटनाओं से निपटने के सुझाव दिए गए थे.

समिति ने यह भी सुझाया था कि अगर सोशल मीडिया पर कानून लागू करने वालों के निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है तो, व्हाट्सएप, ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के देश प्रमुखों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. इसके बाद केंद्र ने सोशल मीडिया के अधिकारियों के साथ कई बैठकें की. ताकी सोशल मीडिया से फर्जी संदेश और हिंसा भड़काने वाली सामग्री को हटाया जा सके.

Last Updated : Jul 30, 2019, 9:24 PM IST

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