नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता अभियान के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लखनऊ में एक जनसभा को संबोधित किया.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार और भ्रम फैला रही हैं, इसीलिए भाजपा जन जागरण अभियान चला रही है, जो देश को तोड़ने वालों के खिलाफ जन जागृति का अभियान है.
शाह ने कहा, 'मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है. महात्मा गांधी जी ने 1947 में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू, सिख भारत आ सकते हैं. उन्हें नागरिकता देना, गौरव देना, भारत सरकार का कर्तव्य है.'
अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्ष की आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को साफ किया कि जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है.
शाह ने सीएए के समर्थन में यहां आयोजित जागरूकता रैली में कहा कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का कानून है, मगर कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है.
उन्होंने कहा कि जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है.
शाह ने विपक्षी दलों को सीएए पर बहस की चुनौती भी दी.
उन्होंने कहा, 'सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी. मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है, वह इस पर चर्चा करने के लिए सार्वजनिक मंच ढूंढ ले. हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं.'