हैदराबाद : बेहतर स्वास्थ्य, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और समाज के लिए स्वच्छता को लेकर तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. हाल के वर्षों में वैश्विक स्वच्छता में प्रगति के बावजूद दुनिया की आधी से अधिक आबादी 4.2 बिलियन लोग स्वच्छता से जुड़े सेवाओं का उपयोग करते हैं, लेकिन वह मानव अपशिष्ट को बिना निपटान किए छोड़ देते हैं. इससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.
यूनिसेफ (यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड) की यह रिपोर्ट आज दुनिया में स्वच्छता की मौजूदा स्थिति को दर्शाती है. इसका उद्देश्य स्वच्छता के सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal) को प्राप्त करने और चुनौतियों को पूरा करने के साथ लोगों में जागरूकता बढ़ाना है.
यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के सदस्य राज्यों और साझेदारों से ग्लोबल एक्सेलेरेशन फ्रेमवर्क के भाग के रूप में चुनौतियों का तत्काल सामना करने का आह्वान करता है.
लगभग 673 मिलियन लोगों के पास शौचालय नहीं हैं, जिस कारण वह खुले में शौच करने को मजबूर हैं. जबकि, लगभग 698 मिलियन स्कूली बच्चों के पास अपने स्कूल में बुनियादी स्वच्छता सेवाओं का अभाव है.