नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक केंद्र सरकार ने राम मंदिर ट्रस्ट का गठन कर दिया हैं, जिसमें एक दलित प्रतिनिधि को भी शामिल करने का फैसला किया गया है. हालांकि इस फैसले से नाखुश कांग्रेस नेता उदित राज ने सरकार पर सवाल उठाते हुए दलित समुदाय से ज्यादा सदस्यों को शामिल करने की मांग की है.
राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में हुई नियुक्ति पर उदित राज ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया और तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि 'भारत में हुई आखिरी जनगणना के मुताबिक दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना है. फिर केंद्र सरकार राम मंदिर ट्रस्ट ब्राह्मणों के भरोसे कैसे छोड़ दिया गया? सरकार बेईमानी कर रही है.'
इस मामले पर उदित राज ने दिल्ली में ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. उदित राज ने बातचीत के दौरान कहा कि 'राम मंदिर ट्रस्ट में सांकेतिक रूप से एक दलित को को रखा गया है, जबकि नौ में से सात लोग ब्राह्मण हैं. मेरा मानना है कि उमा भारती, बाबा रामदेव, कल्याण सिंह और विनय कटियार जैसे व्यक्तियों और दलित समाज से और लोगों को भी इस ट्रस्ट का हिस्सा बनाया जाए. साथ ही SC/ST और OBC महिलाओं की भी हिस्सेदारी इस ट्रस्ट में होनी चाहिए'.
मंदिर आंदोलन में पिछड़ी जातियों के योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यही वह पिछड़ी जाति के लोग थे, जो सबसे पहले डंडा और लाठी लेकर हर जगह पहुंच जाते थे.