मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने राज्यों में संकट की स्थितियों से निबटने और बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत एक समिति गठित करने की सोमवार को मांग की.
राज्य सरकार के एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तीन जून को आए चक्रवाती तूफान निसर्ग से हुए नुकसान और पांच अगस्त को हुई भारी बारिश के मद्देनजर महाराष्ट्र के लिए केंद्र से तत्काल सहायता मांगी.
बयान के अनुसार ठाकरे प्रधानमंत्री के साथ हुई डिजिटल बैठक में बोल रहे थे. बैठक में प्रधानमंत्री ने छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की.
बैठक में असम, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल ने भाग लिया. बैठक में दक्षिण-पश्चिम मानसून और बाढ़ की मौजूदा स्थिति से निबटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की गयी.
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट की स्थिति के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अच्छा समन्वय है और आपदाओं के समय उनकी सरकार सभी राज्यों के साथ है.
बैठक में ठाकरे ने संकट से निबटने और राज्यों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री के अधीन एक समिति गठित करने की मांग की.
ठाकरे ने कहा कि चक्रवात निसर्ग के कारण महाराष्ट्र को 1,065 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ और पांच अगस्त की बारिश ने मुंबई में 500 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया. उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य के लिए तत्काल सहायता की घोषणा करने की मांग की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में पांच अगस्त को 24 घंटों के दौरान 333 मिमी बारिश हुयी और उस दिन हवा की गति 70 किमी- 80 किमी से 106 किमी तक थी.
ठाकरे ने मोदी से आग्रह किया कि मुंबई के माहुल में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के स्वामित्व वाला भूखंड बृहन्मुंबई नगर निगम को सौंप दिया जाए जिससे वहां एक पंपिंग स्टेशन स्थापित किया जा सकेगा.
मुख्यमंत्री ने भारी बारिश और बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचने के लिए स्थायी समाधान का भी आह्वान किया.
ठाकरे ने अमरावती जिले में बाघ अभयारण्य से गुजरने वाली अकोला- खंडवा रेलवे लाइन के प्रस्तावित गेज परिवर्तन के लिए वैकल्पिक मार्ग पर विचार करने की मांग दोहराई.