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अगर वीर सावरकर पहले प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान बनता ही नहीं : उद्धव ठाकरे

वीर सावरकर पर लिखी गई एक पुस्तक के विमोचन पर शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने मांग की है कि सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सावरकर के पहले प्रधानमंत्री बनने को लेकर भी बयान दिया. जानें क्या कुछ कहा ठाकरे ने

उद्धव ठाकरे

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Published : Sep 18, 2019, 11:15 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 1:06 AM IST

मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वीर सावरकर के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान के बनने के लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यदि हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर उस समय देश के प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान अस्तित्व में ही नहीं आता. उन्होंने वीर सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित किये जाने की मांग की.

ठाकरे ने एक आत्मकथा 'सावरकर: इकोज फ्राम अ फॉरगाटेन पास्ट' के विमोचन के मौके पर कहा, 'सावरकर को भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाना चाहिए. हम (महात्मा) गांधी और (पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल) नेहरू द्वारा किए गए काम से इनकार नहीं करते है, लेकिन देश ने दो से अधिक परिवारों को राजनीतिक परिदृश्य पर अवतरित होते हुए देखा.'

वीर सावरकर पर लिखी गई पुस्तक के विमोचन के दौरान उद्धव ठाकरे

ठाकरे ने कहा, 'उन्हें नेहरू को वीर कहने में गुरेज नहीं होता यदि वह 14 मिनट भी जेल के भीतर सावरकर की तरह रहे होते. सावरकर 14 वर्षों तक जेल में रहे थे.'

उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी को इस किताब की एक प्रति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज सावरकर की जेल को पिकनिक स्पॉट बना दिया गया है. लोग वहां पिकनिक मनाते जाते हैं, उन्हें नहीं पता कि सावरकर ने वहां कितना दर्द सहा है.

ठाकरे ने पुस्तक के लेखक विक्रम संपत को बताया कि वह प्रतियां खरीदेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के हर स्कूल और कॉलेज में इसे पुस्तकालयों में रखा जाए. उन्होंने कहा कि सभी सांसदों और विधायकों के लिए इस पुस्तक को पढ़ना अनिवार्य करना चाहिए.

Last Updated : Oct 1, 2019, 1:06 AM IST

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