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लव जिहाद मामले में मिली जमानत, घर पहुंचने पर मां ने सीने से लगाया

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कांठ थाने से लव जिहाद मामले में जेल गए दो सगे भाइयों को 14 दिन बाद जेल से रिहा कर दिया. पुलिस ने सीजेएम कोर्ट से रिमांड नहीं मांगी, जिसकी वजह से कोर्ट ने दोनों को जमानत दे दी. जेल से रिहा होने के बाद घर पहुंचने पर मां ने दोनों को सीने से लगा लिया. परिवार में खुशी का माहौल छा गया.

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Published : Dec 20, 2020, 3:50 PM IST

लव जिहाद
लव जिहाद

मुरादाबाद : लव जिहाद मामले में 14 दिन की जेल काटने के बाद घर पहुंचे सगे भाइयों को देखकर मां सहित परिजनों ने सीने से लगा लिया. दोनों बेटों और परिजनों की आंखों से आंसुओं का सैलाब बहने लगा. परिजनों से मिलने के बाद पहला बेटा सीधे अपनी पत्नी के पास पहुंचकर उसका हालचाल जाना. पत्नी और मां ने दोनों भाइयों की रिहाई को लेकर मीडिया को धन्यवाद दिया.

पहले बेटे ने कहा कि बजरंग दल के लोगों ने हमको पकड़वाया था, लेकिन पत्नी और परिजनों का यही कहना है कि हम किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते.

यह है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में कांठ पुलिस ने लव जिहाद के मामले में दो भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सीजेएम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दोनों भाई जेल से छूटकर आज अपने घर पहुंचे. घर के दरवाजे पर बेटे का इंतजार कर रही मां व परिजनों ने दोनों बेटों को दरवाजे पर सीने से लगा लिया. मां बड़े बेटे को सीधे उसकी पत्नी के पास ले गई. गर्भपात के बाद से तबीयत खराब होने की वजह से बड़े बेटे की पत्नी चारपाई पर लेटी हुई थी, लेकिन जैसे ही पति के आने की सूचना मिली, वह भी उठकर बैठ गई. उसके बाद पति ने पत्नी का हाल चाल जाना.

परिवार में छाई खुशी
दोनों भाइयों की रिहाई से परिवार वाले बहुत खुश हैं. सभी लोगों ने मीडिया का धन्यवाद किया. दोनों भाइयों और उसके परिवार को जेल से रिहा होने की जहां एक तरफ खुशी है, वहीं दूसरी तरफ बड़े बेटे की पत्नी के गर्भपात होने से बच्चा खोने का दु:ख भी है. इन सबके लिए वह बजरंग दल के उन कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार मानते हैं, जिनकी वजह से उनके परिवार में यह आफत आई, लेकिन परिवार का कोई भी व्यक्ति बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता. उनका कहना है कि अगर आगे उन्होंने परेशान किया तो जरूर कार्रवाई करेंगे. हम और हमारा परिवार सुरक्षित रहना चाहते हैं.

पति की रिहाई पर पिंकी ने मीडिया का किया धन्यवाद
जेल से पति की रिहाई पर बड़े बेटे की पत्नी पिंकी ने कहा, बहुत अच्छा लग रहा है. आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद, आप लोगों ने हमारी इतनी मदद की. मेरे पति जेल से छूटकर आ गए हैं. मुझको बजरंग दल वालों ने पकड़वाया था. हम सब आपस में बातचीत करने के बाद फैसला लेंगे कि आगे क्या कार्रवाई करेंगे.

'कागज दिखाने पर भी नहीं मानी पुलिस'
दोनों बेटों की जेल से रिहाई पर मां ने कहा कि दोनों बेटों की रिहाई से हमारा पूरा परिवार बहुत खुश है. हमारे बच्चे घर आ गए. बहू घर आ गई, इससे बड़ी और खुशी क्या हो सकती है. बेटे और बहू ने शादी तो पांच महीने पहले ही कर ली थी, लेकिन शादी को रजिस्टर्ड कराने के लिए हमने वकील से राय ली थी. उसने हमसे पांच हजार रुपये भी ले लिए और बजरंग दल वालों से मिलकर हमको फंसा दिया.

मां ने कहा कि कांठ थाने में बहू ने पुलिस को बताया भी उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है. अपने सारे कागज भी दिखाए, लेकिन हमारी एक नहीं सुनी. दोनों बेटों को जेल व बहू को नारी निकेतन भेज दिया. बजरंग दल पर कार्रवाई के लिए बच्चों से राय लेंगे कि वह क्या करना चाहते हैं. साथ ही आप सभी लोगों का बहुत बहुत धन्यवाद. आप मीडिया वालों ने हमारा बहुत साथ दिया.

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'जेल में पुलिस का व्यवहार सही था'
जेल से घर पहुंचे बेटे ने कहा कि हमें बजरंग दल वालों ने पकड़ा था. शाम को पत्नी के कहने पर थाने आया था. वहां हमको लॉकअप में बंद कर दिया गया. अगले दिन मेडिकल कराके हमको जेल भेज दिया गया. जेल और थाने में पुलिस का व्यवहार बहुत सही था. हमारे साथ कोई मारपीट नहीं की गई. अब हम लोग घर आ गए हैं. बच्चे के खोने का बहुत दु:ख है. हम किसी पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते.

पांच दिसंबर को दर्ज हुआ था मुकदमा
पांच दिसंबर को मुरादाबाद के कांठ थाने में लव जिहाद मामले में एक मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में युवक और उसके भाई को जेल भेज दिया गया था. साथ ही युवती को नारी निकेतन भेजा गया था, जिसको 14 दिसंबर को कोर्ट के आदेश पर वापस ससुराल भेज दिया गया.

कांठ पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में 18 दिसंबर शुक्रवार को कोर्ट से दोनों की रिमांड नहीं मांगी, जिसकी वजह से दोनों को कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. कोर्ट से जमानत के कागज जिला कारागार देर रात पहुंचे, जिसकी वजह से दोनों भाइयों को शनिवार सुबह पौने ग्यारह बजे जिला कारागार से रिहा कर दिया गया.

छह दिसंबर को जिला कारागार आने के बाद दोनों को 14 दिन के लिए अस्थाई जेल भेज दिया गया था. सुबह दोनों को अस्थाई जेल से जिला कारागार लाया गया. वहां पर कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद दोनों को रिहा कर दिया गया.

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