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राजस्थान : बाघ-बाघिन में भीषण संघर्ष, एक की मौत

राजस्थान के उदयपुर स्थित सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुरुवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब 12 साल के बाघ कुमार ने 15 साल की बाघिन दामिनी को जान से मार दिया. दोनों बाघ की लड़ाई के समय वन विभाग के अधिकारी भी इन्हें छुड़ाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए. वहीं दूसरी तरफ ठंड की चपेट में आने से एक तेंदुए की मौत हो गई. जानें विस्तार से.

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Published : Jan 2, 2020, 11:57 PM IST

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बाघ-बाघिन में भीषण लड़ाई

उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर में स्थित सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुरुवार को 12 साल के नर बाघ कुमार ने 15 साल की मादा बाघिन दामिनी पर हमला बोल दिया. दोनों के बीच हुई भीषण लड़ाई में बाघिन दामिनी की मौत हो गई.

दरअसल पर्यटन का मौसम होने के चलते गुरुवार के दिन सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पर्यटकों की काफी भीड़ थी. इस दौरान एनक्लोजर को तोड़ नर बाघ ने मादा बाघिन पर हमला बोल दिया. दोनों के बीच काफी देर तक संघर्ष चला, लेकिन उन्हें बचाने वाला कोई नहीं था.

बता दें कि दामिनी को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के उद्घाटन के कुछ महीने बाद ही यहां दक्षिण भारत के एक जंतुआलय से लाया गया था. नर बाघ कुमार और मादा बाघ दामिनी को एक-दूसरे से सटे एनक्लोजर में रखा हुआ था. गुरुवार दोपहर नर बाघ ने दामिनी बाघ के एनक्लोजर की जाली तोड़ी और उस पर हमला कर दिया था.

बाघ-बाघिन में भीषण लड़ाई

इस पूरी घटना पर वन विभाग के सभी अधिकारी मूकदर्शक बन गए हैं. कोई भी मीडिया में इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से बचता दिखाई दे रहा है. हालांकि वन विभाग की ओर से इस पूरे मामले पर एक समाचार विज्ञप्ति जारी किया गया है, जिसमें इसे हादसा करार दिया गया है.

बताया जा रहा है वन विभाग का इकलौता निशानेबाज सतनाम सिंह विभागीय टीम के साथ राजसमंद जिले में एक पैंथर की सूचना पर गोमती गया था. इस दौरान पैंथर के हमले में वह खुद भी घायल हो गया था. ऐसी स्थिति में गुरुवार के दिन सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में संघर्ष करते बाघों को ट्रेंक्यूलाइज करने वाला कोई निशानेबाज उपलब्ध नहीं था. यही वजह है कि मादा बाघ दामिनी को नहीं बचाया जा सका.

ठंड की चपेट में आने से एक तेंदुए की भी मौत
ठंड की चपेट में आने से एक तेंदुए की मौत हो गई. तेंदुए को गलता वन क्षेत्र से रेस्क्यू कर नाहरगढ़ रेस्क्यू सेंटर में इलाज किया जा रहा था. इसी दौरान निमोनिया ज्यादा होने की वजह से तेंदुए की मौत हो गई. जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया.

दरअसल तेंदुए तेज कड़ाके की ठंड में कांपता हुआ मिला था. सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए का बचाव कर इलाज शुरू किया. तेज ठंड होने की वजह से गलता वन क्षेत्र में घाट के बालाजी इलाके में बुधवार को एक तेंदु निढ़ाल हालात में नजर आया. आबादी क्षेत्र से लगते हुए जंगल में लोगों ने तेंदुए को ठंड से ठिठुरते हुए देखा तो वन विभाग को सूचना दी. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए को बीमार हालात में रेस्क्यू किया. तेंदुए के खड़े होने की भी हालत नहीं थी.

निमोनिया ज्यादा होने की वजह से तेंदुए की मौत

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बता दें कि वन विभाग की टीम ने तेंदुए का रेस्क्यू कर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंचाया. जहां पर तेंदुए का इलाज शुरू किया. पैंथर को ठंड से बचाने के लिए हीटर की गर्मी और दवाइयां दी जा रही थी. इसी दौरान गुरुवार को तेंदुए की मौत हो गई. वन विभाग ने तेंदुए को बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन वह बच नहीं पाया. तेंदुए की मौत को लेकर वन विभाग के अधिकारियों ने भी दुख जताया है.

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