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पाकिस्तान : भारतीय उच्चायोग के दोनों कर्मचारी कैद से रिहा, भारत ने जताई थी आपत्ति

पाकिस्तानी अधिकारियों ने सोमवार को भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों को हिट एंड रन के मामले में कथित रूप से शामिल होने को लेकर हिरासत में लेने के कुछ घंटे बाद छोड़ दिया. पढ़ें पूरी खबर...

पाक ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को रिहा किया
पाक ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को रिहा किया

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Published : Jun 16, 2020, 7:42 AM IST

नई दिल्ली : पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों को हिट एंड रन के मामले में कथित रूप से शामिल होने को लेकर हिरासत में लेने के लगभग 12 घंटे के बाद छोड़ दिया. विदेश कार्यालय द्वारा यह सूचित करने के बाद पुलिस ने दोनों भारतीय अधिकारियों को यह कह कर रिहा कर दिया कि उन्हें राजनयिक छूट प्राप्त है.

भारतीय राजदूतों के नाम डी ब्रह्मा और कॉल सिलवादास है. यह दोनों गैर राजनयिक मिशन में प्रतिनियुक्ति पर हैं. राजदूतों ने रिहा होकर चिकित्सा परीक्षण कराया, जिसमें उन्हें मामूली चोटें आई हैं.

गौरतलब है कि भारत ने कर्मचारियों के लापता होने का मामला पाकिस्तान के अधिकारियों के सामने उठाया था. इसके बाद भी दोनों अधिकारियों का लगभग दो घंटे तक पता नहीं चला. लोगों को शक था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने उन्हें हिरासत में लिया है.

बाद में पाकिस्तानी मीडिया ने स्थानीय पुलिस सूत्रों के हवाले से दावा किया कि भारतीय अधिकारी कथित रूप से एक हिट एंड रन मामले में शामिल थे और जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो वह भागने की कोशिश कर रहे थे, जिसके कारण भीड़ ने उनके साथ मारपीट की बाद में पाकिस्तानी मीडिया ने स्थानीय पुलिस सूत्रों के हवाले से दावा किया कि भारतीय अधिकारी कथित रूप से एक हिट एंड रन मामले में शामिल होने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया.

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक एक ने शहर की एंबेसी रोड पर सुबह करीब आठ बजे एक पैदल यात्री को टक्कर मारी और उसके बाद कार सवार लोगों ने वहां से भागने की कोशिश की. पैदल यात्री इस दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

खबर में कहा गया कि मौके पर मौजूद लोगों की भारी भीड़ ने कार में सवार दो लोगों को पकड़ लिया और उन्हें इस्लामाबाद पुलिस के हवाले कर दिया. इसमें कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पता चला कि वह दोनों भारतीय उच्चायोग के कर्मी हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान मिशन के प्रभारी को विदेश मंत्रालय ने समन किया और दो भारतीय अधिकारियों की गिरफ्तारी की खबर पर उन्हें आपत्ति पत्र जारी किया गया.

उन्होंने कहा कि आपत्ति पत्र में पाकिस्तान मिशन के प्रभारी को यह स्पष्ट कर दिया गया कि भारतीय अधिकारियों से पूछताछ नहीं होनी चाहिए या उनका उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह पाकिस्तानी अधिकारियों पर है.

एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से दोनों अधिकारियों को आधिकारिक कार के साथ उच्चायोग वापस भेजने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि सोमवार की शाम को लगभग बारह घंटे के बाद पुलिस सचिवालय इस्लामाबाद द्वारा स्थिति रिपोर्ट (पत्र संख्या 1808-5 ए-संप्रदाय) मंत्रालय के साथ दर्ज किए जाने के बाद दोनों अधिकारियों को रिहा कर दिया गया.

सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष से कहा गया कि दोनों अधिकारियों को उनकी सरकारी कार के साथ अविलंब उच्चायोग में वापस किया जाए. इस्लामाबाद में सुबह दो अधिकारी लापता हो गए, जिसके बाद भारत ने मामले को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया.

महानिदेशक प्रोटोकॉल हसन अरसल खान द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारी सड़क दुर्घटना में शामिल थे. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि दुर्घटना के समय जो व्यक्ति कार चला रहा था वह भी घायल हुआ था.

हालांकि भारतीय अधिकारियों ने दावा किया कि गिरफ्तारी के आधार के रूप में हिट एंड रन मामले का पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा आधिकारिक तौर पर उल्लेख नहीं किया गया है. इसके बाद विदेश मंत्रालय द्वारा पाकिस्तान के उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को नई दिल्ली में तलब किया गया.

भारत द्वारा पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में निलंबित किए जाने के दो सप्ताह बाद यह घटना हुई है.

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को दिल्ली पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह रुपयों के बदले एक भारतीय नागरिक से भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे.

इसके बाद भारत ने हुसैन और ताहिर को अवांछित करार दिया था. उनके निष्कासन के बाद पाकिस्तान की एजेंसियों ने इस्लामाबाद में मिशन प्रभारी गौरव अहलुवालिया सहित भारतीय उच्चायोग के कई अधिकारियों का उत्पीड़न करना शुरू कर दिया.

पाकिस्तानी एजेंसियों ने दो मौकों पर उग्र रूप से अहलुवालिया की कार का पीछा किया, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी.

दो पाकिस्तानी अधिकारियों को निष्कासित किए जाने के बाद पाकिस्तान की तरफ से भी बदले की कार्रवाई करने का अंदेशा था क्योंकि वह पहले भी ऐसा कर चुका है.

पिछले वर्ष अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय राजदूत को निष्कासित कर राजनयिक रिश्तों को कमतर किया था.

- वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा

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