नई दिल्ली : पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारियों को हिट एंड रन के मामले में कथित रूप से शामिल होने को लेकर हिरासत में लेने के लगभग 12 घंटे के बाद छोड़ दिया. विदेश कार्यालय द्वारा यह सूचित करने के बाद पुलिस ने दोनों भारतीय अधिकारियों को यह कह कर रिहा कर दिया कि उन्हें राजनयिक छूट प्राप्त है.
भारतीय राजदूतों के नाम डी ब्रह्मा और कॉल सिलवादास है. यह दोनों गैर राजनयिक मिशन में प्रतिनियुक्ति पर हैं. राजदूतों ने रिहा होकर चिकित्सा परीक्षण कराया, जिसमें उन्हें मामूली चोटें आई हैं.
गौरतलब है कि भारत ने कर्मचारियों के लापता होने का मामला पाकिस्तान के अधिकारियों के सामने उठाया था. इसके बाद भी दोनों अधिकारियों का लगभग दो घंटे तक पता नहीं चला. लोगों को शक था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने उन्हें हिरासत में लिया है.
बाद में पाकिस्तानी मीडिया ने स्थानीय पुलिस सूत्रों के हवाले से दावा किया कि भारतीय अधिकारी कथित रूप से एक हिट एंड रन मामले में शामिल थे और जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो वह भागने की कोशिश कर रहे थे, जिसके कारण भीड़ ने उनके साथ मारपीट की बाद में पाकिस्तानी मीडिया ने स्थानीय पुलिस सूत्रों के हवाले से दावा किया कि भारतीय अधिकारी कथित रूप से एक हिट एंड रन मामले में शामिल होने के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक एक ने शहर की एंबेसी रोड पर सुबह करीब आठ बजे एक पैदल यात्री को टक्कर मारी और उसके बाद कार सवार लोगों ने वहां से भागने की कोशिश की. पैदल यात्री इस दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
खबर में कहा गया कि मौके पर मौजूद लोगों की भारी भीड़ ने कार में सवार दो लोगों को पकड़ लिया और उन्हें इस्लामाबाद पुलिस के हवाले कर दिया. इसमें कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को पता चला कि वह दोनों भारतीय उच्चायोग के कर्मी हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान मिशन के प्रभारी को विदेश मंत्रालय ने समन किया और दो भारतीय अधिकारियों की गिरफ्तारी की खबर पर उन्हें आपत्ति पत्र जारी किया गया.
उन्होंने कहा कि आपत्ति पत्र में पाकिस्तान मिशन के प्रभारी को यह स्पष्ट कर दिया गया कि भारतीय अधिकारियों से पूछताछ नहीं होनी चाहिए या उनका उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह पाकिस्तानी अधिकारियों पर है.
एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से दोनों अधिकारियों को आधिकारिक कार के साथ उच्चायोग वापस भेजने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि सोमवार की शाम को लगभग बारह घंटे के बाद पुलिस सचिवालय इस्लामाबाद द्वारा स्थिति रिपोर्ट (पत्र संख्या 1808-5 ए-संप्रदाय) मंत्रालय के साथ दर्ज किए जाने के बाद दोनों अधिकारियों को रिहा कर दिया गया.