इस्लामाबाद : भारत की आपत्ति के बावजूद तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआनने शुक्रवार को एक बार फिर कश्मीर मुद्दे को लेकर राग अलापा. कश्मीर को उल्लेखित करते हुएएर्दोआनने कहा कि अंकारा पाकिस्तान के रुख का हमेशा समर्थन करेगा, क्योंकि यह दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है.
दो दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे एर्दोआन ने पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए एलान किया कि तुर्की इस सप्ताह पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर होने के पाकिस्तान के प्रयासों का समर्थन करेगा.
कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख पर अपने देश का समर्थन दोहराते हुए एर्दोआन ने कहा कि इसे संघर्ष या दमन से नहीं सुलझाया जा सकता, बल्कि न्याय और निष्पक्षता के आधार पर सुलझाना होगा.
इस दौरान उन्होंने यह भी घोषणा की कि तुर्की वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर आने में पाकिस्तान के प्रयासों में सहायता करेगा, जिसकी बैठक इस सप्ताह पेरिस में होने वाला है.
उन्होंने कहा, 'मैं इस बात पर भी जोर देना चाहता हूं कि हम पाकिस्तान को समर्थन देंगे, जो फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठकों में राजनीतिक दबाव के अधीन है.
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख के प्रति अपने देश के समर्थन का देते हुए उन्होंने कहा कि इसे संघर्ष या उत्पीड़न के माध्यम से नहीं बल्कि न्याय और निष्पक्षता के आधार पर हल किया जा सकता है.
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कश्मीर का मुद्दा पाकिस्तानी के साथ हमारा भी
'हमारे कश्मीरी भाइयों और बहनों को दशकों से असुविधाओं का सामना करना पड़ा है और यह कष्ट हाल के दिनों में उठाए गए एकतरफा कदमों के कारण और गंभीर हो गए हैं, ' एर्दोआन ने कहा, जाहिर तौर पर वह पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद करने वाले भारत के फैसले का जिक्र कर रहे थे.
'आज कश्मीर का मुद्दा हमारे (पाकिस्तानियों) लिए भी अति महत्वपूर्ण है.'