दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

संसद में दिखा इमोशनल ड्रामा, एक तीर से साध रहे कई निशाने

कृषि बिल को पास कराने के दौरान और पास कराने के बाद सरकार और सत्ताधारी पार्टी भाजपा जहां अपोजिशन को अलोकतांत्रिक बता रही है, वहीं विपक्ष सत्तापक्ष को लोकतंत्र की हत्या करने वाली सरकार करार दे रहा है. इस दौरान सत्ता और विपक्ष दोनों ही पार्टियां साम, दाम, दंड, भेद का सहारा ले रही हैं. मंगलवार को संसद में इमोशनल ड्रामा देखने को मिला.

By

Published : Sep 22, 2020, 10:33 PM IST

Deputy Chairman reaches 8 MPs suspended with tea
चाय लेकर उपसभापति निलंबित 8 सांसदों के पास पहुंचे

नई दिल्ली :पहले राज्य सभा के पटल पर हंगामा, फिर संसद परिसर में विपक्षी पार्टी के 8 सांसदों का रात बिताना. सुबह होते ही राज्य सभा के उपसभापति का चाय लेकर निलंबित 8 सांसदों के पास पहुंचना और यह कहना कि वह यहां पर उपसभापति के तौर पर नहीं, बल्कि अपने मित्रों को चाय पिलाने आए हैं. दूसरे ही पल उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का उपराष्ट्रपति को इमोशनल पत्र लिख एक दिन के विरोध स्वरूप उपवास की घोषणा करना. मंगलवार को संसद में इमोशनल ड्रामा देखने को मिला.

दोनों पक्ष ड्रामा में कतई पीछे नहीं रहना चाहते

ड्रामा यहीं नहीं खत्म हुआ. विपक्ष भी ड्रामा में कतई पीछे नहीं रहना चाहता था. सत्ता पक्ष को देखते हुए विपक्ष के नेता शरद पवार ने भी कृषि बिल के खिलाफ और सांसदों के निलंबन पर एक दिन के उपवास की घोषणा कर दी. वहीं निलंबित सांसदों ने अपना धरना तो खत्म कर दिया, मगर विरोध जारी रखने की बात कही. सत्ता पक्ष और विपक्ष के इस ड्रामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ट्वीट आया. इसमें उन्होंने बिहार की संस्कृति को उजागर करते हुए राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की सराहना की और साथ ही यह भी लिखा कि बिहार की संस्कृति हमेशा से गौरवमयी रही है और हरिवंश ने आज उसका परिचय दिया.

उपसभापति ने सभापति को पत्र लिखा

राज्य सभा के उपसभापति ने सभापति को जो पत्र लिखा, उसमें भी गांधी, लोहिया, जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर और चंद्रशेखर जैसे नेताओं का वर्णन किया गया. उन्होंने लिखा कि मैं जेपी आंदोलन से प्रभावित रहा हूं और उनकी संस्कृति के बीच पला-बढ़ा हूं, मगर 20 सितंबर को जिस तरह का व्यवहार मेरे साथ सदन में किया गया, उसे लेकर मैं अत्यंत दुखी हूं और मैं मानसिक यंत्रणा से गुजर रहा हूं, इसीलिए मैं ऐसे व्यवहार के खिलाफ एक दिन का उपवास करना चाहता हूं. हो सकता है मेरा यह उपवास उन सांसदों को आत्ममंथन करने की शक्ति दे, जिन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया.

बिहार की जनता का अपमान बता रहे
उपसभापति ने राज्य सभा की कार्यवाही का संचालन भी किया. सोमवार से ही भाजपा के वरिष्ठ नेता राज्य सभा के उपसभापति के साथ किए गए दुर्व्यवहार को बिहार के कनेक्शन से जोड़कर देख रहे थे. भाजपा के वरिष्ठ नेता और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तो यहां तक कहा था कि हरिवंश जी बिहार से हैं और जिस तरह का व्यवहार उनके साथ किया गया है, वह बिहार की जनता का अपमान है. बिहार की जनता देख रही है. ऐसे समय में जब हरिवंश जी का अपमान हो रहा था, बिहार के आरजेडी और कांग्रेस के सांसद चुपचाप देख रहे थे. इस बात का जवाब बिहार की जनता के सामने उन्हें देना होगा.

विपक्ष ने धरना-प्रदर्शन का रुख अख्तियार किया

कुल मिलाकर कहें तो कृषि बिल पर विपक्ष ने धरना-प्रदर्शन का रुख अख्तियार कर लिया है और किसानों को लेकर भावनात्मक बयानबाजी भी कर रहा है. वहीं सत्तापक्ष इस मामले पर विपक्ष को जवाब देने में किसी भी तरह पीछे नहीं रहना चाहता. चाहे वह आंकड़ों के तौर पर हो, कार्यवाही के तौर पर हो या इमोशनल ड्रामे के तौर पर.

एक तीर से कई निशाने साधे जा रहे
हरिवंश नारायण सिंह ने अपनी चिट्ठी में साफ तौर पर यह लिखा कि वह जयप्रकाश नारायण के गांव में जन्मे हैं और इस वजह से वह महात्मा गांधी, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर जैसे महान नेताओं से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं. यहां तक कि उन्होंने यह भी लिखा कि महात्मा गांधी को भी चंपारण की भूमि ने ही महात्मा बनाया. जयप्रकाश नारायण, कर्पूरी ठाकुर और राम मनोहर लोहिया जैसे महान नेता भी बिहार की भूमि में ही पले-बढ़े और इस भूमि का मान रखा. कहीं ना कहीं भाजपा के इस एंगल को देखते हुए यह कहा जा सकता है कृषि बिल से शुरू हुए हंगामे का रुख बिहार की तरफ मोड़ने की कोशिश की गई है और नवंबर में बिहार में चुनाव होने हैं अंदाजा लगाया जा सकता है की एक तीर से कितने निशाने साधे जा रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details