हैदराबाद: तेलंगाना राज्य पथ परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) की हड़ताल परबवाल मचा हुआ है. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने करीब 50 हजार प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को निलंबित करने की घोषणा कर दी है. इसके बाद निगम के मजदूर संघों का कहना है कि वे इस फैसले के खिलाफ अदालत जाएंगे.
तेलंगाना मजदूर यूनियन के अध्यक्ष ई अश्वत्थामा रेड्डी ने हालांकि स्पष्ट किया है कि प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को सरकार या निगम प्रबंधन की तरफ से अभी तक बर्खास्तगी या निलंबन का कोई औपचारिक नोटिस नहीं मिला है.
रेड्डी ने बताया, 'देश में कानून है. हमें नियमों के मुताबिक नियुक्त किया गया है. वे हमें ऐसे ही नहीं हटा सकते.'
उनका यह बयान राज्य सरकार द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल को 'अवैध' घोषित किए जाने और सरकार के साथ उनके विलय की मांग को खारिज किए जाने के एक दिन बाद आया है.
परिवहन निगम की हड़ताल, केसीआर ने की बैठक. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार को कहा था कि जो कर्मचारी सरकार द्वारा तय समयसीमा (शनिवार शाम छह बजे) तक काम पर नहीं लौटेंगे, उन्हें वापस नहीं लिया जाएगा.
हड़ताली कर्मचारी निगम के सरकार में विलय और विभिन्न पदों पर नियुक्ति समेत कुछ अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.
कर्मचारी यूनियन की मांग है कि टीएसआरटीसी का सरकार में पूर्ण विलय कर दिया जाए. उनकी अन्य मांगों में निगम के खाली पदों को भरना, चालक और सह चालकों को रोजगार की सुरक्षा देना, वेतनमान की 2017 की सिफारिशों को लागू करना और डीजल पर लगने वाले कर को समाप्त करना शामिल है.
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यातायात मंत्री अजय कुमार ने शनिवार को कहा कि सरकार ने आरटीसी की हड़ताल को देखते हुए एक स्थायी वैकल्पिक नीति लाने का निर्णय लिया है ताकि लोगों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े.