वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-चीन के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है कि दोनों के उग्र सीमा विवाद के मुद्दे पर अमेरिका, मध्यस्थता करने में सक्षम है और तैयार है.'
भारत-चीन तनाव को लेकर ट्रंप ने की मध्यस्थता की पेशकश - trump tweets on meditation
'भारत-चीन के बीच मध्यस्थता करने को तैयार' राष्ट्रपति ट्रंप ने किया ट्वीट
गौरतलब है कि लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर विगत कुछ दिनों से तनाव बना हुआ है. इसे लेकर रक्षा मंत्री ने सैन्य प्रमुखों के साथ बैठक की थी. साथ ही प्रधानमंत्री ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी.
ट्रंप पहले भी करते रहे हैं कश्मीर पर मध्यस्थता की बात
यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के पड़ोसी देशों के साथ मसले सुलझाने की पेशकश की हो. इससे पहले सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने गए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्रंप से कश्मीर मसला सुलझाने में मदद करने के लिए सहयोग मांगा था, जिसके बाद ट्रंप ने दोनों देशों में मध्यस्थता की पेशकश की थी. हालांकि इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि यह दोनों देशों का आंतरिक मामला है और वह इस मामले में किसी प्रकार की मध्यस्थता नहीं चाहते. इसके बावजूद एक-दो अवसरों पर ट्रंप ने मध्यस्थता का राग अलापा, जबकि भारत ने उनके बयान को कभी भी तवज्जो नहीं दी. अब लद्दाख सीमा पर चीन के साथ भारत के तनाव को देखते हुए ट्रंप ने फिर अपनी पेशकश दोहराई है. यह बात और है कि इस बार भी उनकी पेशकश व्यर्थ जाने वाली है. इसका कारण है भारत की अपने पड़ोसियों के साथ नीति. भारत की स्थापित तौर पर नीति रही है कि वह अपने सभी पड़ोसियों के साथ सीमा विवादों को आपसी तालमेल से निबटा लेगा. ऐसे में ट्रंप की इस पेशकश का विशेष महत्व नहीं है.