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भारत दौरे पर ट्रंप, मोदी के समक्ष उठाएंगे धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिन के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि यात्रा के दौरान वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर बात करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

मोदी और ट्रंप
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Published : Feb 22, 2020, 1:01 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 4:18 AM IST

वॉशिंगटन/ नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले हफ्ते होने वाली अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाएंगे. व्हाइट हाउस ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका, भारत की लोकतांत्रिक परम्पराओं और संस्थानों का बहुत सम्मान करता है और उन मूल्यों को बरकरार रखने के लिए उसे प्रेरित करता रहेगा.

ट्रंप की पहली भारत यात्रा के मद्देनजर एक द्विदलीय अमेरिकी संघीय संस्था यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम ने एक तथ्य पत्रक प्रकाशित करते हुए दावा किया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) भारत में धार्मिक स्वतंत्रता में बड़ी गिरावट को दिखाता है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अपने सार्वजनिक और निश्चित तौर पर निजी, दोनों भाषणों में हमारी साझा लोकतांत्रिक परम्परा और धार्मिक आजादी के बारे में बात करेंगे. वह इन मुद्दों को उठाएंगे, खासतौर से धार्मिक आजादी का मुद्दा, जो इस प्रशासन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

अधिकारी से यह पूछा गया था कि क्या सीएए या राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर ट्रंप की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की योजना है.

ट्रंप और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप का 24 और 25 फरवरी को अहमदाबाद, आगरा और नई दिल्ली जाने का कार्यक्रम है.

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गोपनीयता की शर्त पर अधिकारी ने बताया, हमारी सार्वभौमिक मूल्यों, कानून के राज को बरकरार रखने की साझा प्रतिबद्धता है. हम भारत की लोकतांत्रिक परम्पराओं और संस्थानों का बड़ा सम्मान करते हैं और हम भारत को उन परम्पराओं को बरकरार रखने के लिए प्रेरित करते रहेंगे.

सीएए और एनआरसी के सवाल पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, हम आपके द्वारा उठाए कुछ मुद्दों को लेकर चिंतित हैं. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बैठक में इन मुद्दों को उठाएंगे. दुनिया अपनी लोकतांत्रिक परम्पराओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान बनाए रखने के लिए भारत की ओर देख रही है.

अधिकारी ने कहा, जाहिर तौर पर भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान और सभी धर्मों से समान व्यवहार की बात है. यह राष्ट्रपति के लिए महत्वपूर्ण है और मुझे भरोसा है कि इस पर बात होगी.

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उन्होंने कहा कि भारत धार्मिक और भाषायी रूप से समृद्ध तथा सांस्कृतिक विविधता वाला देश है.

उन्होंने कहा, यहां तक कि वह दुनिया के चार बड़े धर्मों का उद्गमस्थल है.

वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल चुनाव जीतने के बाद अपने पहले भाषण में इस बारे में बात की थी कि वह भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने को प्राथमिकता देंगे, और निश्चित तौर पर दुनिया की निगाहें कानून के राज के तहत धार्मिक स्वतंत्रता बनाए रखने और सभी के साथ समान व्यवहार करने के लिए भारत पर टिकी है.

Last Updated : Mar 2, 2020, 4:18 AM IST

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