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कपिला वात्स्यायन : कला के लिए आखिरी क्षण तक रहा जुनून

महान कलाविद डॉ. कपिला वात्स्यायन का 16 सितंबर को निधन हो गया. भारतीय शास्त्रीय नृत्य, वास्तुकला, इतिहास और कला की प्रख्यात विदुषी कपिला वात्स्यायन का जन्म 1928 में दिल्ली में हुआ था.

कपिला वात्स्यायन
कपिला वात्स्यायन

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Published : Sep 17, 2020, 8:21 PM IST

नई दिल्ली : संस्कृति और सभ्यता के क्षेत्रों को अपने शोधकार्य से समृद्ध करने वाली महान कलाविद डॉ. कपिला वात्स्यायन का कोई सानी नहीं था और वह अपने आप कला संस्कृति के क्षेत्र में एक संस्थान थीं. पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित विदुषी कपिला ने अपने करीब छह दशक का लंबा करियर नृत्य, कला, वास्तुकला और अन्य सहित कला के विभिन्न रूपों के इतिहास की गहराई में व्यतीत किया. दिल्ली स्थित आवास पर बुधवार को उनका निधन हो गया. वह 92 वर्ष की थीं.

कपिला ने अपने जीवनकाल में 20 पुस्तकों के अलावा 200 से अधिक शोधपत्र लिखे. उनकी कुछ प्रमुख कृतियों में द स्कवायर एंड द सर्कल ऑफ इंडियन आर्ट्स, भारत:द नाट्य शास्त्र, डांस इन इंडियन पेंटिंग और क्लासिकल इंडियन डांस इन लिटरेचर एंड आर्ट्स, ट्रांसमिशन एंड ट्रांसफोरमेशन :लर्निंग थ्रू द आर्ट्स इन एशिया शामिल हैं.

कपिला का जन्म 1928 में दिल्ली में हुआ था और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स की डिग्री ली थी.

इसके अलावा उन्होंने शिक्षा के विषय में अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय से मास्टर्स की पढ़ाई की तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी.

वात्स्यायन, कवि और आलोचक केशव मलिक की छोटी बहन थीं. उनका विवाह प्रख्यात साहित्यकार सच्चिदानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' के साथ 1956 में हुआ था हालांकि वह दोनों 1969 में अलग हो गये.

कपिला ने अच्छन महाराज के मार्गदर्शन में कत्थक, गुरु अमोबी सिंह के मार्गदर्शन में मणिपुरी नृत्य भी सीखा था. उन्होंने भरतनाट्यम और ओडिशी नृत्यों की भी शिक्षा ग्रहण की थी.

1987 में वात्स्यायन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की संस्थापक निदेशक थीं. वह राज्य सभा की मनोनीत सदस्य भी रही थी. इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में एशिया परियोजना की अध्यक्ष भी थीं.

निधन पर शोक संदेश
कला एवं संस्कृति जगत की कई हस्तियों ने ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से वात्स्यायन को 'संस्थान निर्माता' के तौर पर याद किया.

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) के सचिव कंवल अली ने बताया कि गुलमोहर एन्क्लेव स्थित आवास पर आज सुबह नौ बजे उनका निधन हो गया. उन्हें 2011 में पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया था.

कलाविद् डॉ. कपिला वात्स्यायन के निधन पर प्रख्यात साहित्यकारों सहित अन्य हस्तियों और कला जगत के प्रमुख संस्थानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) के सचिव कंवल अली ने कहा गुलमोहर एन्क्लेव में स्थित आवास पर आज सुबह नौ बजे उनका निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार लोधी श्मशान घाट पर बुधवार दोपहर किया गया. वात्स्यायन, आईआईसी की आजीवन न्यासी थीं. उन्हें 2011 में पदम् विभूषण से सम्मानित किया गया था.

प्रख्यात लेखक अशोक वाजपेयी ने वात्स्यायन के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया.

आईआईसी के पूर्व सचिव एन एच रामचंद्रन ने कहा कि एक कला इतिहासकार के अलावा वह एक महान शिक्षाविद और प्रशासक भी थी.

फोटोग्राफी कलाकार पार्थिव शाह ने कहा उनका व्यवहार ऐसा था कि उनके साथ काम करने वाले सभी सरकारी अधिकारी उनका सम्मान करते थे और उन्हें गंभीरता से लेते थे, वह भी एक ऐसे वक्त में जब ज्यादातर पुरुष महिला बॉस के साथ काम करने में असहज महसूस करते थे.

वाजपेयी ने फेसबुक पर लिखा महान विदुषी, रचनात्मक व्यक्तित्व की धनी और संस्थान निर्माता कपिला वात्स्यायन के निधन पर मुझे गहरा दुख पहुंचा है. भारत में सांस्कृतिक जगत ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया. वह कला, विचार और कल्पना के बीच पुल बांधने वाली और इस क्षेत्र में अथक परिश्रम करने वाली महिला थीं. मेरे जैसे कई लोगों के लिए उनका जाना व्यक्तिगत क्षति है.

प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने कहा कि वात्स्यायन भारतीय शास्त्रीय नृत्य, कला, वास्तुकला और इतिहास की महान अध्येता थीं.

अमजद अली खान का ट्वीट.

नेता पवन वर्मा ने वात्स्यायन को प्राचीन भारतीय संस्कृति और सभ्यता की सच्ची विदुषी कहा.

पवन वर्मा का ट्वीट.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया कपिला वात्स्यायन जी के निधन के बारे में सुन कर बहुत दुख हुआ. उन्होंने कला इतिहासकार और प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई.

अशोक गहलोत का ट्वीट.

उन्होंने लिखा पूर्व सांसद, पद्म विभूषण कपिला वात्स्यायन जी के निधन पर मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि, वह भारतीय शास्त्रीय नृत्यों, वास्तुकला और कला इतिहास की अग्रणी विदुषी थी.

जयपुर साहित्य उत्सव के प्रोड्यूसर संजय के. रॉय ने उन्हें महान लोगों में अंतिम बताया.

संजय के. रॉय का ट्वीट.

वात्स्यायन को 1970 में फेलोशिप देने वाली संगीत नाटक अकादमी ने ट्वीट किया, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और इससे संबद्ध संस्थान महान विदुषी और अकादमी फेलो डॉ. वात्स्यायन के निधन की खबर सुनकर दुखी है.

संगीत नाटक अकादमी का ट्वीट.

यूनेस्को, नई दिल्ली ने भी शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया, कपिला वात्स्यायन को एशियाई इतिहास का विशद ज्ञान था. दिवंगत आत्मा को शांति मिले.

यूनेस्को का ट्वीट.

वात्स्यायन यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में भारत की प्रतिनिधि रही थीं.

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) ने कहा, उनके निधन से कला एवं संस्कृति जगत में एक शून्य पैदा हो गया है. उन्हें 2000 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सदभावना पुरस्कार भी प्रदान किया गया था.

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का ट्वीट.

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