नई दिल्ली : केंद्र, राज्य और असम के बोडो समूहों के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं. गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में ये समझौता हुआ.
केंद्र सरकार ने असम के खतरनाक उग्रवादी समूहों में से एक, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के साथ सोमवार को एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. लंबे समय से बोडो राज्य की मांग करते हुए आंदोलन चलाने वाले ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
पूर्वोत्तर में बोडो समस्या के समाधान के लिए ये एतिहासिक त्रिपक्षीय समझौता किया गया है. इसके तहत सरकार राज्य अधिनियम के तहत बोडो कचहरी ऑटोनोमस काउंसिल बनाएगी. इस काउंसिल में असम के 21 जिलों में रहने वाले बोडो शामिल होंगे.
इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ये समझौता बोडो समूहों के लिए सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से चले आ रहे बोडो समूहों की समस्या को मोदी सरकार ने पूरी तरह से खत्म कर दिया है.