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जश्न-ए-आजादी : नक्सलगढ़ मारजुम में पहली बार फहराया तिरंगा - Tricolor hoisted for the first time after independence in Naxalgarh

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के धुर नक्सल प्रभावित मारजुम में आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया. इस दौरान आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी तिरंगे को सलामी दी. वे भी आजादी के इस जश्न में शामिल हुए.

नक्सलगढ़ मारजुम में आजादी के बाद पहली बार फहरा तिरंगा
नक्सलगढ़ मारजुम में आजादी के बाद पहली बार फहरा तिरंगा

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Published : Aug 15, 2020, 9:01 PM IST

दंतेवाड़ा : देश में आज 74वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जा रहा है. लेकिन छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का एक गांव ऐसा भी है. जहां आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया गया. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 20 साल बाद धुर नक्सल प्रभावित गांव मारजुम में उम्मीदों का नया दीप जला है. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र में आजादी के बाद पहली बार सुरक्षाबल के जवान, महिला कमांडो और ग्रामीणों ने मिलकर तिरंगा लहराया. खास बात यह रही कि आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी तिरंगे को सलामी दी. वे भी आजादी के जश्न में शामिल हुए.

कटेकल्याण ब्लॉक का मारजुम गांव नक्सल गतिविधियों के कारण अतिसंवेदनशील श्रेणी में आता है. इस गांव में नक्सलियों का साम्राज्य था. यहां नक्सलियों की हुकूमत चलती थी. नक्सली हमेशा से ही स्वतंत्रता दिवस का बहिष्कार करते आए हैं. आजादी पर्व के दिन नक्सली अंदरूनी क्षेत्रों में काला झंडा फहराकर विरोध करते हैं. यह गांव उन्हीं गांव में से एक था जहां नक्सली कुछ साल पहले काला झंडा फहराते थे.

मारजुम में आजादी के बाद पहली बार फहरा तिरंगा.

शुक्रवार को एडिशनल एसपी उदय किरण के साथ कई पुलिस अधिकारी गांव में पहुंचे. उन्होंने लोगों से बातचीत की और स्वतंत्रता दिवस के दिन पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ गांव के चौराहे पर तिरंगा फहराया.

नक्सलवाद से हो रहा मोह भंग
दंतेवाड़ा जिले में ग्रामीणों का नक्सलवाद से मोहभंग हो रहा है. ग्रामीण समाज की मुखयधारा से जुड़ रहे हैं. इसके साथ ही स्थानीय नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं. ध्वाजारोहण के वक्त आत्मसमर्पित नक्सली भी मौजूद रहे.

कड़ी सुरक्षा के बीच फहराया गया तिरंगा.

पुलिस को मिल रही लगातार सफलता

बता दें कि दंतेवाड़ा जिले में 45 दिन पहले लोन वर्राटू अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. अभी तक कई इनामी नक्सली समेत 102 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. नक्सली जो कभी 'लाल आतंक' का साथ दिया करते थे वही नक्सली अब भारत माता की जय जयकार कर रहे हैं.

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आजादी के जश्न में 300 ग्रामीण हुए शामिल

मारजुम गांव के आस-पास के करीब 300 से ज्यादा ग्रामीण इस कार्यक्रम में शामिल हुए. जिसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नक्सलगढ़ में लाल आतंक की जड़ें कमजोर हो रही हैं और वो दिन भी दूर नहीं जब ग्रामीण नक्सलवाद के भय से मुक्त होकर आजादी का खुलकर जश्न मना पाएंगे.

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