जमशेदपुर:रक्षाबंधन तीन अगस्त को है. बहनों ने राखी की तैयारी शुरू कर दी है. बाजारों में तरह-तरह की राखियां देखी जा रही है. सभी राखी किसी न किसी ब्रांड की है. इन सब के बीच जमशेदपुर की कला संस्कृति संस्था 'कला मंदिर' झारखंडी राखी बना रहा है. यह राखी स्थानीय आदिवासी माहिलाओं के हाथों से निर्मित है. इन राखियों को दाल, कटे कपड़े, बेकार हो चुके कुछ ताड़-खजूर के पत्तों के अलावा गोंधा घास और जूट से तैयार किया जा रहा है.
यह राखी ना केवल सस्ती है बल्कि अनोखी भी है. फिलहाल इन्हें बेंगलुरु की संस्था ने 10,000 राखी बनाने का ऑर्डर दिया है. यहां बन रही राखियों की कीमत 5 रुपए से 40 चालीस रुपए तक रखी गई है. जो लोग आराम से खरीद सकते हैं. इन राखियों को बेचने के लिए सोशल मिडिया प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा है. वहीं कुछ जान पहचान वाले सीधे कार्यालय में आकर राखी खरीद रहे हैं. राखी बना रही महिलाओं का कहना है कि एक राखी बनाने में कम से कम दो मिनट लगते हैं और पूरे दिन में 500 के करीब राखियां बना लेते हैं.