नई दिल्ली : असम जनजातीय संगठन की समन्वय समिति (सीसीटीओ) ने प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) की कड़ी निंदा की है और राज्य में अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकाबंदी करने का फैसला लिया है.
सीसीटीओ के मुख्य समन्वयक आदित्य खाखलारी ने कहा कि यह बिल असम के लोगों के लिए खतरा है और पूर्वोत्तर की जनसांख्यिकी को भी बदल कर रख देगा.
आदित्य खाखलारी ने की ईटीवी भारत से बात. खाखलारी ने कहा, 'हम CAB को वापस लेने की अपनी मांग के लिए आर्थिक नाकाबंदी सहित अन्य लोकतांत्रिक कदम उठाएंगे.'
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में सीएबी पेश करने की योजना बना रही है.
विधेयक में नागरिकता अधिनियम,1955 में संशोधन करने और पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से अवैध रूप से भारत आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.
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आदित्य ने कहा कि यह भाजपा सरकार का राजनीतिक खेल है. मुस्लिमों को छोड़कर हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान करके राजनीतिक लाभ प्राप्त करना है. जनजातीय समुदायों ने पहले ही सभी विपक्षी दलों से आंदोलन में उनका समर्थन प्राप्त करने के लिए सम्पर्क किया है.
आदित्य ने कहा, 'हमने कांग्रेस, जदयू और वामपंथी दलों से मुलाकात कर उनसे सीएबी का विरोध करने की अपील की है.'
गौरतलब है कि इस प्रदर्शन में ऑल असम स्टूडेंट यूनियन, नार्थ ईस्ट छात्र संगठन सहित असम और पूर्वोत्तर राज्यों की कई पार्टियां उनके समर्थन में हैं.