नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव के दौरान ही उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके चीन के साथ भारत की व्यापार नीति सार्वजनिक कराने का अनुरोध किया गया है.
पूर्वी लद्दाख के कई स्थानों पर भारत और चीन की सेनायें आमने सामने हैं और गलवान घाटी में 15 जून को हुयी हिंसक झड़प के बाद से वहां तनाव व्याप्त है. इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे. इस झड़प में चीन को भी क्षति उठानी पड़ी थी लेकिन उसने इस नुकसान का विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है.
गलवान घाटी की घटना के बाद सरकार ने 3500 किलोमीटर लंबी वास्तविक सीमा रेखा पर चीन की सेना के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिये भारतीय सेना को खुली छूट दे दी है.
यह याचिका जम्मू निवासी अधिवक्ता सुप्रिया पंडिता ने दायर की है. अधिवक्ता ओम प्रकाश परिहार और दुष्यंत तिवारी के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 15 जून की घटना के बाद से भारत के नागरिक और व्यापारिक संगठन देश में चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान कर रहे हैं.