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ट्रेड यूनियनों का भारत बंद, बंगाल में दो गुट आपस में भिड़े

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Published : Jan 8, 2020, 10:34 AM IST

Updated : Jan 8, 2020, 5:38 PM IST

16:32 January 08

बंद का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने कहा - देश में अशांति का माहौल

मीडिया से बातचीत करते पवन खेड़ा

बंद का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि आज देश के 10 मजदूर संगठनों ने बंद का आह्वान किया है. जिसमें 25 करोड़ लोग शामिल है. देश में अशांति का माहौल है. समाज के हर वर्ग का नागरिक दुखी और परेशान है.  

उन्होंने कहा कि देश के अलग अलग विश्वविद्यालय में भी असंतोष व्याप्त है. 45 साल में बेरोजगारी स्तर उच्चतम स्तर पर, महंगाई और सरकार के अहंकारी रवैये को लेकर देश के लोग दुखी हैं.पीएम मोदी को उद्योगपतियों से मिलने का समय है, लेकिन इन 25 करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों से मिलने का समय नहीं है.

पवन खेड़ा ने आगे कहा, 'यूपीए ने खाद्य सुरक्षा कानून पारित किया था. पिछले पांच सालों में इस कानून के साथ इस सरकार ने क्या किया सभी को पता है. 29 लोग खाना नहीं मिलने की वजह से मारे गए. यह रिकॉर्ड पर है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'आज जो हड़ताल है वह कई मांगों को लेकर है. उनमें से खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर अपनाए गए सरकार के रवैये को लेकर भी है. एक मांग इन संगठनों की यह भी है कि सरकार रोजगार सृजन को लेकर इस सरकार ने क्या किया और क्या करना चाहती है. संगठन यह पूछ रहे हैं कि आखिर रोजगार क्यों जा रहे हैं? 

14:28 January 08

बंद को लेकर ममता का बयान

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

बंद को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस और वामपंथियों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, हम हड़ताल की इजाजत नहीं देंगे, जो ऐसी कोशिश कर रहे हैं, उनका बंगाल में कोई राजनीतिक आधार नहीं है.

14:15 January 08

नई दिल्ली में बंद, नीतियों में सुधार नहीं हुआ तो प्रदर्शन ले सकता है आंदोलन का रूप

नई दिल्ली में बंद के समर्थन में उतरे लोग

 देशव्यापी बंद में जगह-जगह प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में भी आईटीओ पर लेफ्ट पार्टी ट्रेड यूनियन और उनसे जुड़े छात्र यूनियन के कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली में बारिश हो रही है, लेकिन बारिश के बीच भी यह विरोध प्रदर्शन जारी है. यहां जुटे वाम दल के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह इस देशव्यापी भारत बंद के माध्यम से वह मोदी सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं कि वह जल्द से जल्द देश की अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, संप्रदायिकता, किसान, मजदूर और छात्रों के मुद्दों पर अपनी नीतियों में सुधार करें नहीं तो आगे चलकर यह सांकेतिक विरोध प्रदर्शन बड़े आंदोलन का रूप भी ले सकते हैं.

13:41 January 08

बंद से असम में जनजीवन प्रभावित

ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल के कारण असम में आम जनजीवन प्रभावित रहा और सड़कों से वाहन नदारद रहे तथा दुकानें भी बंद रहीं.

शैक्षणिक संस्थान खासकर स्कूल बंद रहे. कॉलेजों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में पूर्वनिर्धारित परीक्षाएं सामान्य तरीके से आयोजित हुईं.

अधिकतर निजी कार्यालय बंद रहे लेकिन राज्य सरकार के कार्यालय खुले रहे. हड़ताल के दौरान सरकारी दफ्तरों में कामकाज सामान्य रूप से चले इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने मंडल आयुक्तों और जिला उपायुक्तों को मंगलवार को दिशानिर्देश जारी किए था और वेतन कटौती एवं अन्य कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी.

13:39 January 08

राजस्थान में भारत बंद का मिला जुला असर

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के 'भारत बंद' के आह्वान का बुधवार को राजस्थान में मिला जुला असर देखने को मिला.

ट्रेड यूनियन कर्मचारियों के इसमें शामिल होने के कारण बंद के शुरुआती घंटों में बैंकिंग सेवाओं, रोडवेज सेवाओं पर आंशिक असर देखने को मिला.

बैंक कर्मचारियों की यूनियन के प्रतिनिधि महेश मिश्रा ने बताया कि जयपुर में एलआईसी भवन के सामने प्रदर्शन किया गया जिसमें बैंक और एलआईसी कर्मचारियों ने भाग लिया.

राजस्थान रोडवेज के सीटू से संबद्ध कर्मचारी भी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन (सीटू) के महासचिव किशन सिंह राठौर ने कहा कि रोडवेज में सीटू से जुड़े लगभग 3,000 कर्मचारी हैं जो भारत बंद में भाग ले रहे हैं.

हड़ताल का असर चूरू, गंगानगर, सीकर में बसों के संचालन पर पड़ा है। हालांकि जयपुर शहर में बाजार खुले हैं और सार्वजनिक परिवहन सेवा पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है.

13:29 January 08

पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में बंद के दौरान तोड़ फोड़

बंद के दौरान बस में तोड़ फोड़

बंद के दौरान पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में अज्ञात लोगों ने यात्रियों से भरी बस पर पत्थरबाजी की. वीडियों में साफ देखा जा सकता है कि वह बीच सड़क पर खड़े होकर बस पर पत्थर फेंक रहे हैं. 

12:43 January 08

बंद के दौरान पश्चिम बंगाल के बर्धमान में दो गुट भिड़े

बंद के दौरान झड़प

सरकार की नीतियों के खिलाफ बंद के दौरान पश्चिम बंगाल में टीएमसी और एसएफआई के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. देशभर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. कई राज्यों में बंद के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित है.  

12:13 January 08

ओडिशा में बंद का समर्थन

ओडिशा में ट्रेनें रोकी गईं

ओडिशा के कटक में लोग बंद का समर्थन करते नजर अए. ट्रेन की पटरी पर खड़े होकर लोगों ने नारेबाजी की. राज्य के अधिकतर हिस्सों में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. कई जिलों में शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहे.

हड़ताल के कारण किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य की राजधानी भुवनेश्वर समेत कई जगहों पर सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए गए हैं.

भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अनूप साहू ने बताया कि हड़ताल के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 15 प्लाटून (प्रत्येक प्लाटून में 33 जवान) तैनात किए गए हैं.

11:55 January 08

बंगाल में बंद के समर्थन में उतरे लोग

बंद के समर्थन में लोग

बंगाल में बंद के समर्थन में लोगों ने स्टेशन पर प्रदर्शन किया, सड़क पर टायर फूंके और जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने औद्योगिक हिस्से में रैलियां निकालीं और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध किया. हालांकि पुलिस ने यातायात सुचारु करने के लिए उन्हें हटा दिया. 

11:55 January 08

केरल में लेफ्ट दलों का प्रदर्शन

केरल में बंद

भारत बंद के दौरान राज्य के कई हिस्सो में रैलियां निकाली गईं. इन रैलियों में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लिया. 

11:28 January 08

मुंबई में बंद का मिला-जुला असर

बंद के दौरान महाराष्ट्र में हालात

11:25 January 08

पंजाब में हड़ताल, हरियाणा भी प्रभावित

पंजाब में बंद

बंद में पंजाब और हरियाणा में सार्वजनिक बैंकों, परिवहन विभाग, डाक घर और किसानों के कई संगठनों ने हिस्सा लिया.

सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के हड़ताल में हिस्सा लेने से पंजाब और हरियाणा में बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा है.

ट्रेड यूनियन कर्मियों ने पंजाब में लुधियाना, जालंधर और बठिंडा समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

जालंधर में ट्रेड यूनियन कर्मियों द्वारा कारखाने में काम करने वाले कुछ लोगों को काम पर जाने से रोकने की खबर है.

पंजाब में लुधियाना समेत कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रभावित हुई है.

हरियाणा में, सार्वजनिक परिवहन सेवा पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। हरियाणा परिवहन के कर्मियों के एक धड़े ने हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की थी.

अधिकारियों ने कहा कि हरियाणी और पंजाब में कई बस डिपो में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि बसों की आवाजाही को सुगम बनाया जा सके.

इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों - एटक, इंटक, सीटू, एक्टू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल हैं.

11:21 January 08

कर्नाटक में बंद, पुलिस बल तैनात

कर्नाटक में बंद

कर्नाटक में भी बंद का असर देखने को मिला. किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए बेंगलुरु में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.  

10:44 January 08

जाधवपुर में हड़ताल समर्थकों का प्रदर्शन

जाधवपुर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन

10:40 January 08

रायपुर में भी बंद का मिला-जुला असर

रायपुर में बंद

10:38 January 08

हैदराबाद में बंद

हैदराबाद में बंद

10:31 January 08

बंगाल में बंद का असर

बंगाल में ट्रेनें रोकी गईं

बंद समर्थकों ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा और नार्थ 24 परगना में ट्रेनें रोक दी हैं. वहीं बस स्टैंड पर भी बसें रोक दी गईं हैं. इसके बाद यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

10:18 January 08

भारत बंद लाइव

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की नीतियों मसलन श्रम सुधार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और निजीकरण के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल है. सरकार की 'जन- विरोधी' नीतियों के खिलाफ की जा रही इस हड़ताल में देशभर में 25 करोड़ लोगों के भाग लेने की उम्मीद है.

ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान बैंक सेवाएं प्रभावित हो सकतीं हैं. देश की दस केंद्रीय मजदूर यूनियनों ने इस हड़ताल का आह्वान किया है.

ज्यादातर बैंकों ने इस हड़ताल और इससे उनकी सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में शेयर बाजारों को सूचित कर दिया है.

बैंक कर्मचारियों की ज्यादातर यूनियनों ने भी हड़ताल में भाग लेने और उसका समर्थन करने की अपनी इच्छा जाहिर कर दी है.

बैंक कर्मचारियों की अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए), भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघों और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ सहित विभिन्न यूनियनों ने हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया है.

बैंकों में राशि जमा करने, निकासी करने, चेक क्लियरिंग और विभिन्न वित्तीय साधनों को जारी करने का काम हड़ताल की वजह से प्रभावित हो सकता है. हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों में सेवाओं पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है.

इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिन्द मजदूर सभा (एचएमएस), कन्फेडरेशन आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के अलावा टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी तथा विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र यूनियनों और महासंघों ने पिछले साल सितंबर में ही आठ जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी.

दस कर्मचारी संघों के परिसंघ ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है, 'श्रम मंत्रालय कर्मचारियों की किसी भी मांग को लेकर आश्वासन नहीं दे पाया. मंत्रालय ने दो जनवरी 2020 को कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी. सरकार की नीतियों और कार्रवाई से लगता है कि सरकार श्रमिकों के प्रति रवैया ठीक नहीं है.'

इसमें कहा गया है, 'हमारा मानना है कि आठ जनवरी 2020 को होने वाली आम हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कामकाजी लोग भागीदारी करेंगे. सरकार की कर्मचारी विरोधी, जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल के बाद और भी कदम उठाये जायेंगे.

सरकार की कर्मचारियों को चेतावनी, हड़ताल पर गए तो नतीजा भुगतने को तैयार रहें. केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को चेताया है कि यदि वे आठ जनवरी को हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें इसका ‘नतीजा’ भुगतना पड़ेगा. कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कर्मचारियों को यह चेतावनी देते हुये हड़ताल से दूर रहने को कहा गया है.

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और विभिन्न क्षेत्रों में उनसे संबद्ध कर्मचारी यूनियनों ने श्रमिकों और कर्मचारियों को आठ जनवरी को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ हड़ताल में शामिल नहीं है. यूनियनों ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों के लिए हड़ताल बुलाई है. इनमें न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं.

बयान में कहा गया है, 'श्रम मंत्रालय अब तक श्रमिको को उनकी किसी भी मांग पर आश्वासन देने में विफल रहा है. श्रम मंत्रालय ने दो जनवरी, 2020 को बैठक बुलाई थी. सरकार का रवैया श्रमिकों के प्रति अवमानना का है.'

बयान में कहा गया है कि छात्रों के 60 संगठनों तथा कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. उनका एजेंडा बढ़ी फीस और शिक्षा के व्यावसायीकरण का विरोध करने का है.

ट्रेड यूनियनों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा तथा अन्य विश्वविद्यालय परिसरों में इसी तरह की घटनाओं की आलोचना की है और देशभर में छात्रों तथा शिक्षकों को समर्थन देने की घोषणा की है.

यूनियनों ने इस बात पर नाराजगी जताई कि जुलाई, 2015 से एक भी भारतीय श्रम सम्मेलन का आयोजन नहीं हुआ है. इसके अलावा यूनियनों ने श्रम कानूनों की संहिता बनाने और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का भी विरोध किया है.

Last Updated : Jan 8, 2020, 5:38 PM IST

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