देश की तमाम छोटी-बड़ी घटनाओं पर हमारी नजर बनी हुई है. अब आप बस एक क्लिक में देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को आसानी से पढ़ सकते हैं.
1. किसान कल्याण की गारंटी से ही खुलेगा 'आत्मनिर्भरता' का रास्ता!
हम ही किसान... हम ही जवान. यह नारा कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए आंदोलनरत किसानों का पसंदीदा है. यह तथ्य निर्विवाद है कि किसान देश की खाद्य सुरक्षा की रक्षा करता है. जैसे कि एक सैनिक अपनी सरहदों की रक्षा करता है. किसान के हल ने हमारी सभ्यता के बीज बोने में मदद की है और कृषि को राष्ट्रीय संस्कृति बनाया है.
2. लोक सभा में विपक्ष पर बरसे पीएम मोदी, बोले- ना खेलब ना खेलन देब, खेलबे बिगाड़ब
लोक सभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने भोजपुरी में कहा, ना खेलब ना खेलन देब, खेलबे बिगाड़ब.
3. लोक सभा में टोकाटाकी पर पीएम मोदी बोले- दादा ये ज्यादा हो रहा है
लोक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे. इस दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कई बार उन्हें टोका. शुरू में तो पीएम ने कुछ नहीं कहा, लेकिन जब यह सिलसिला जारी रहा, तो पीएम मोदी ने कहा- दादा मैं आपका बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन अब बहुत ज्यादा हो गया... इसके बाद लोक सभा अध्यक्ष ने भी अधीर रंजन को बैठने के लिए कहा.
4. आंदोलनकारी किसानों ने 18 फरवरी को चार घंटे के लिए 'रेल रोको' अभियान की घोषणा की
कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी रेल रोको अभियान की घोषणा की.
5 . पीएम मोदी ने कहा- आंदोलनजीवी लोकतंत्र के लिए खतरा
प्रधानमंत्री मोदी ने लोक सभा में कहा, किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं. भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है ? दंगा करने वालों, सम्प्रदायवादी, आतंकवादियों जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग करना, ये किसानों के आंदोलन को अपवित्र करना है. किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है, इसलिए देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बारे में फर्क करना बहुत जरूरी है.