नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि केंद्र प्रदर्शनकारी किसानों के साथ किसी तरह की अनौपचारिक वार्ता नहीं कर रहा है. उन्होंने प्रदर्शन स्थल के आस-पास अवरोधक मजबूत किए जाने तथा इंटरनेट पर रोक लगाने को स्थानीय प्रशासन से संबंधित कानून-व्यवस्था का मुद्दा बताया.
प्रदर्शन में शामिल 41 यूनियनों और केंद्र के बीच 11वें दौर की वार्ता 22 जनवरी को बेनतीजा रही थी. केंद्र ने यूनियनों से कृषि कानूनों को 18 महीने के लिए स्थगित करने के सरकार के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने को कहा है. सरकार अगले दौर की वार्ता कब करेगी और क्या वह यूनियनों के साथ अनौपचारिक तौर पर बातचीत कर रही है, यह पूछे जाने पर तोमर ने ना में जवाब दिया. तोमर ने कहा, 'नहीं. जब औपचारिक वार्ता होगी तब हम अवगत कराएंगे.
सरकार पर प्रताड़ना का आरोप
प्रदर्शनकारी यूनियनों ने कहा है कि पुलिस और प्रशासन द्वारा 'प्रताड़ना' रोके जाने और हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा किए जाने तक सरकार के साथ औपचारिक बात नहीं होगी. इस बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि उन्हें पुलिस आयुक्त से बात करनी चाहिए. मैं कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. यह मेरा काम नहीं है. किसान नेताओं और केंद्र के बीच 22 जनवरी के बाद से वार्ता नहीं हुई है. वहीं सरकार ने दोहराया है कि उसका प्रस्ताव अब भी कायम है और वार्ता के द्वार खुले हैं.
औपचारिक वार्ता नहीं हो रही