नई दिल्ली : ईश्वरी देवी ने अपनी बेटी का नाम करुणा रखा है तो रीना ने अपने नवजात बेटे को लॉकडाउन यादव नाम दिया. दोनों बच्चों में वैसे तो कोई समानता नहीं है, सिवाए उस असाधारण स्थिति के, जिसमें उन्होंने जन्म लिया. कहर लेकर आई वैश्विक महामारी के बीच इनका जन्म श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर के दौरान हुआ. इस महामारी ने मानवीय जीवन के सभी पहलुओं पर असर डाला है और शिशुओं के नाम भी इससे अछूते नहीं हैं.
करुणा के पिता राजेंद्र यादव से जब पूछा गया कि उनके बच्चे के नाम पर 'कोरोना' या 'कोरोना वायरस' का क्या असर है तो उन्होंने कहा, 'सेवा भाव' और 'दया'.
उन्होंने छत्तीसगढ़ के धरमपुरा में अपने गांव से फोन पर बताया, 'लोगों ने मुझसे उसका नाम बीमारी पर रखने को कहा. मैं उसका नाम कोरोना पर कैसे रख सकता हूं, जब इसने इतने लोगों की जान ले ली और जीवन बर्बाद कर दिए?'
उन्होंने कहा, 'हमने उसका नाम करुणा रखा जिसका मतलब दया, सेवा भाव होता है जिसकी हर किसी को मुश्किल वक्त में जरूरत पड़ती है.'
करुणा का जन्म श्रमिक स्पेशल ट्रेन में संभवत: देश के सामने आए सबसे मुश्किल वक्त में हुआ जब कोविड-19 ने करीब 7,000 लोगों की जान ले ली है, ढाई लाख को संक्रमित किया है और कारोबार ठप कर लोगों को बेरोजगार कर दिया है.
ईश्वरी उन तीन दर्जन महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने गर्भावस्था के अंतिम चरण में भूख एवं बेरोजगारी का सामना किया और असामान्य स्थितियों में बच्चों को जन्म दिया.