नई दिल्लीः राजधानी में इजरायली दूतावास के साथ-साथ अधिक यहूदी और इजरायल की आबादी वाले इलाकों को खुफिया सूचनाओं के बाद सुरक्षा घेरे में रखा गया है. सूचना है कि आतंकवादी उन्हें निशाना बना सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, दूसरे देशों से आए खुफिया इनपुट्स बताते हैं कि वैश्विक आतंकी संगठन अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट्स (आईएस) से जुड़े संगठन इजरायल से बदला ले सकते हैं. क्योंकि उसने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के भारत के कदम का समर्थन किया है.
सुरक्षा विशेषज्ञ से खास बातचीत. एक अधिकारी ने कहा, 'सभी खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है.'
सेना के वरिष्ठ अधिकारी, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीके खन्ना ने ईटीवी भारत से कहा कि भारत को हालिया खतरे की चेतावनी के बाद सतर्क रहना चाहिए.
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खन्ना ने कहा, खतरे वास्तविक हैं. हमें सतर्क रहना होगा. इसमें कोई शक नहीं कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां, सेना और अर्धसैनिक बल पहले से ही किसी भी संभावित अप्रिय घटना को रोकने के लिए अलर्ट पर हैं.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत में आतंक पैदा करने की पूरी कोशिश कर रहा है.
खन्ना ने कहा, पाकिस्तान कश्मीर पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने में विफल रहा है. इसी के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब है. वे भारत के साथ पारंपरिक युद्ध नहीं लड़ पाएंगे. इसलिए वे आतंकवादी संगठनों का समर्थन कर रहे हैं.
इससे पहले की खुफिया रिपोर्टो ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन फिदायीन हमला कर सकते हैं. रिपोर्ट यह भी बताती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी पाकिस्तानी आतंकवादियों की हिट लिस्ट में हैं.
खन्ना ने कहा, कश्मीर 1947 से पाकिस्तान का मुद्दा था, लेकिन वे आवश्यक वैश्विक समर्थन पाने में असफल रहे. आर्थिक रूप से भी वे बहुत खराब स्थिति में हैं और उन्होंने अब आतंकवाद का समर्थन करना शुरू कर दिया है.