मुंबई : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में धान का सर्वाधिक उत्पादन होता है और इसलिए बड़ी मात्रा में धान की खरीद की जाती है. इस वर्ष जनजातीय विकास निगम ने जिले में चार लाख क्विंटल से अधिक खाद्यान्न की खरीद की. हालांकि, अनाज न उठाने के कारण, अनाज केंद्र पर ही पड़ा हुआ है. परिणामस्वरूप पिछले दो दिनों में बारिश के कारण गोदाम में हजारों क्विंटल चावल नष्ट हो गया है.
आदिवासी विकास निगम ने 30 अप्रैल तक खरीफ सीजन के अनाज की खरीद की. इस पूरी अवधि के दौरान, 4.72 लाख क्विंटल से अधिक अनाज खरीदा गया.
हजारों क्विंटल चावल बर्बाद हालांकि, जिस खरीद केंद्र से यह अनाज खरीदा गया था, वहां से केवल एक लाख 81 हजार क्विंटल से अधिक अनाज आदिवासी विकास निगम द्वारा उठाया गया था.
इसे चावल मिल में भेजा जाता था, जिसका उपयोग पूरे धान को लोड करने के लिए किया जाता था. इसलिए एक मई से रबी सीजन की अनाज की खरीद शुरू हुई, लेकिन यहां अनाज भंडारण के लिए एक गोदाम तक नहीं है.
चौंकाने वाली बात यह है कि दक्षिण गढ़चिरौली के पांच तालुकों के 37 केंद्रों में से 25 केंद्रों में ही गोदाम हैं. इसके अलावा जहां गोदाम हैं, वहां इनकी भंडारण क्षमता कम है और कम क्षमता के कारण, धान को खुले में रखा जाता है. इस वजह से पिछले दिनों की बारिश में धान बरबाद हो गया है.