हमारे हिंदुस्तानियों में बहनें साल में 2 दिन का बहुत बेसब्री से इंतजार करती हैं, रक्षाबंधन और भाई दूज का. दोनों ही त्यौहार भाई बहन के प्यार, उनकी आपसी विश्वास और एक दूसरे के लिए लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए मांगी गई कामनाओं का प्रतीक है. दिवाली के 2 दिन उपरांत भाई दूज का त्यौहार बनाया जाता है. इस दिन, बहनें प्रार्थना करती हैं और अपने भाइयों के लंबे जीवन, स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की कामना करती हैं. बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा के लिए आजीवन प्रतिज्ञा लेते हैं. कोविड-19 का असर हमारे भारतीय त्योहारों को मनाने के तरीकों पर काफी पड़ा है. इसी के चलते इस वर्ष बड़ी संख्या में भाई बहन भाई दूज को डिजिटली मनाने की तैयारी कर रहे हैं.
क्यों और कैसे मनाते हैं भाई दूज
दिवाली के दो दिन उपरांत बहनें अपने भाइयों को टीका लगाकर तथा गोला देकर उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं. मान्यता है कि एक बार किसी कारणवश जरूरत के समय बार-बार यमुना द्वारा अपने भाई यमराज को बुलाने के बाद भी यमराज उनसे मिलने नहीं जा पाए थे. लेकिन जिस यमराज यमुना से मिलने के लिए पहुंचे थे, उसी दिन से हर साल भाई दूज मनाने की परंपरा शुरू हो गई.
देश में विभिन्न स्थानों पर भाई दूज मनाने का तरीका अलग-अलग है. यूपी, दिल्ली, राजस्थान समेत कई जगहों पर बहनें इस दिन भाइयों को तिलक कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं, बिहार में इस दिन भाई बहन से नोत लेते हैं और बहनें प्रार्थना करती हैं कि दुनिया की सारी मुश्किलों से उसका भाई बचा रहे. इस खास दिन पर भाई अपनी बहन को उपहार भी देते हैं.
डिजिटल भाई दूज
कोरोना के इस संवेदनशील माहौल में बहुत से भाई बहन इस बार डिजिटल तरीके से यानी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये त्यौहार मनाने की तैयारी कर रहे हैं. सामाजिक दूरी के मद्देनजर इसे वक्त की नजाकत को समझते हुए बेहतर कदम माना जा रहा हैं.