अटारी: सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के बीच आज, बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत समाप्त हो गई है. भारत के सिख श्रद्धालु अब बिना वीजा के पूरे साल करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए जा सकेंगे.
सूत्रों की माने तो करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक की तीसरी बैठक कुछ मुद्दों पर मतभेद होने के कारण समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. खबर की माने तो पाकिस्तान ने बैठक के दौरान कहा कि तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा करतापुर साहिब जाने की अनुमति देने के एवज में उनसे सेवा शुल्क लेगा.
अधिकारियों ने बताया कि अमृतसर के अटारी में हो रही संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में शामिल होने के लिए 20 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा है.
प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा. यह भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा. इन श्रद्धालुओं को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव द्वारा 1522 में स्थापित करतारपुर साहिब जाने के लिए मात्र एक परमिट लेना होगा.
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया एवं सार्क के महानिदेशक और मोहम्मद फैसल ने वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत आने से पहले वाघा सीमा पर पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान तीसरे दौर की बातचीत के परिणाम को लेकर सकारात्मक है.
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे फैसल ने कहा, 'हम भारत के साथ आज की वार्ता में करतारपुर गलियारे के समझौते के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए आशान्वित हैं. करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और पाकिस्तान नवंबर तक गलियारा खोलने को प्रतिबद्ध है.
पढ़ें-करतारपुर गलियारा : PAK ने जताई प्रतिबद्धता, नवंबर में होगा उद्घाटन