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करतारपुर गलियारा: वीजा फ्री यात्रा पर सहमत हुए भारत-पाक

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Published : Sep 4, 2019, 1:36 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 10:01 AM IST

सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब तक वीजा मुक्त आवागमन की सुविधा देने के लिए और करतारपुर गलियारे को अंतिम रूप देने के लिए भारत पाक ने तीसरे दौर की बातचीत खत्म हो गई. भारत के सिख श्रद्धालु अब बिना वीजा के करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए जा सकेंगे.

करतारपुर गलियारा

अटारी: सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर गलियारे के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के बीच आज, बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत समाप्त हो गई है. भारत के सिख श्रद्धालु अब बिना वीजा के पूरे साल करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए जा सकेंगे.

सूत्रों की माने तो करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक की तीसरी बैठक कुछ मुद्दों पर मतभेद होने के कारण समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. खबर की माने तो पाकिस्तान ने बैठक के दौरान कहा कि तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा करतापुर साहिब जाने की अनुमति देने के एवज में उनसे सेवा शुल्क लेगा.

एएनआई.

अधिकारियों ने बताया कि अमृतसर के अटारी में हो रही संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में शामिल होने के लिए 20 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा है.

प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा. यह भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा. इन श्रद्धालुओं को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव द्वारा 1522 में स्थापित करतारपुर साहिब जाने के लिए मात्र एक परमिट लेना होगा.

पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया एवं सार्क के महानिदेशक और मोहम्मद फैसल ने वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत आने से पहले वाघा सीमा पर पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान तीसरे दौर की बातचीत के परिणाम को लेकर सकारात्मक है.

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे फैसल ने कहा, 'हम भारत के साथ आज की वार्ता में करतारपुर गलियारे के समझौते के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए आशान्वित हैं. करीब 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और पाकिस्तान नवंबर तक गलियारा खोलने को प्रतिबद्ध है.

पढ़ें-करतारपुर गलियारा : PAK ने जताई प्रतिबद्धता, नवंबर में होगा उद्घाटन

जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच यह दूसरी बैठक है.

पाकिस्तान के वाघा में जुलाई में हुई आखिरी संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में दोनों देश इस बात पर सहमत हुए थे कि गलियारे के माध्यम से पाकिस्तान प्रतिदिन 5,000 सिख श्रद्धालुओं को देश में स्थित करतारपुर साहिब गुरूद्वारा आने की अनुमति देगा.

जानकारी के लिए बता दें, भारत और पाकिस्तान के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच 30 अगस्त को हुई बैठक के बाद यह बैठक हो रही है.

गौरतलब है, यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा होगा.

पाकिस्तान भारतीय सीमा से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से सीमा तक के दूसरे हिस्से का निर्माण भारत द्वारा किया जाएगा.

भारत और पाकिस्तान गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर पिछले साल 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में अब भी तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं.

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पिछले साल 26 नवंबर को डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे (अंतरराष्ट्रीय सीमा तक) की पंजाब के गुरदासपुर जिले के मान गांव में नींव रखी थी.

इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने लाहौर से 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में इस गलियारे की नींव रखी थी.

Last Updated : Sep 29, 2019, 10:01 AM IST

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