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छह घंटे तक मोदी-शी रहे साथ, कई मुद्दों पर हुई बात

शी जिनपिंग, नरेंद्र मोदी

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Published : Oct 12, 2019, 8:26 AM IST

Updated : Oct 12, 2019, 3:34 PM IST

15:28 October 12

भारत दौरा सम्पन्न कर नेपाल के लिए रवाना हुए चीनी राष्ट्रपति

शी हुए रवाना

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपना भारत दौरा सम्पन्न कर शनिवार को ‘एयर चाइना’ के एक विमान से नेपाल रवाना हो गए.

शी प्रधानमंत्री मोदी के साथ शिखर वार्ता के लिए करीब 24 घंटे के भारत दौरे पर आए थे. इसकी शुरुआत तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित मामल्लापुरम में शुक्रवार को हुई.

मोदी के साथ शिखर वार्ता के बाद शिष्टमंडल स्तर की बैठकें भी हुई.

तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम और विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल ने चीनी राष्ट्रपति को गर्मजोशी से विदाई दी.

चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को घोषणा की थी कि इस दौरे के बाद शी नेपाल यात्रा पर जाएंगे.

कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने रात्रिभोज पर दो-ढाई घंटे तक 'खुली और सौहार्दपूर्ण' चर्चा की थी.

दोनों देशों के नेताओं ने शनिवार को भी यह अनौपचारिक शिखर वार्ता जारी रखी और आतंकवाद तथा कट्टरवाद से मिलकर निपटने का संकल्प लिया और द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने के संकेत दिए.

13:01 October 12

महाबलीपुरम से चेन्नई के लिए रवाना हुए शी जिनपिंग

रवाना हुए शी.

प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता समाप्त होने के पश्चात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चेन्नई के लिए रवाना हो गए. वहां से वे नेपाल जाएंगे और उसके बाद स्वदेश वापसी करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी के दौरे के क्रम में उनके साथ काफी वक्त बिताया और चेन्नई में स्थित मंदिरों वहां की  संस्कृति खानपान के बारे में जानकारी दी. 

11:54 October 12

भारत-चीन वार्ता: मोदी बोले- चेन्नई कनेक्ट से नया अध्याय शुरू, शी बोले- नहीं भूलूंगा ये सत्कार

प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत

प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता में पीएम मोदी ने कहा-

  • हमारे रिश्ते विश्व में शांति और स्थिरता का उदाहरण है.
  • मतभेद को झगड़े की वजह नहीं बनने देंगे.
  • भारत-चीन के रिश्ते का साक्षी है चेन्नई
  •  दोनों देशों के बीच के मतभेदों को दूर करने की कोशिश होगी. 
  • भारत, चीन दुनिया की आर्थिक शक्ति रहे हैं.
  • पिछले 2000 साल से भारत, चीन विश्व की आर्थिक शक्ति

शी जिनपिंग ने कहा-
भारत में स्वागत से अभिभूत हूं, यह दौरा .यादगार रहेगा बुहान की पहल पीएम मोदी ने की थी और यह कोशिश अच्छा साबित हो रहा है. चीन और भारत एक दूसरे के अहम पड़ोसी हैं. दोनों दुनिया के ऐसे देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से अधिक है.
कल (शुक्रवार) और आज (शनिवार) हमारे बीच काफी अच्छी बातचीत हुई. हमने एक दूसरे से दोस्त की तरह बात की.  भारत की अतिथि सत्कार से बहुत अभिभूत हूं और यह मेरे लिए यादगार अनुभव है. चीनी मीडिया ने दोनों देशों के संबंधों पर बहुत कुछ लिखा है. चीनी राष्ट्रपति ने वुहान बैठक का पूरा क्रेडिट पीएम मोदी को दिया. 
 

मोदी ने कहा-

प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत में कहा कि चीन के साथ मतभेद को झगड़े की वजह नहीं बनने दिया जाएगा. मोदी ने आगे कहा कि पिछले 2000 सालों के कालखंड को देखा जाए तो भारत और चीन दुनिया की प्रमुख आर्थिक शक्तियां रही है. 
हम फिर से विश्व की आर्थिक शक्ति बनेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल चीन के शहर वुहान में हमारे इनफार्मल समिट से हमारे संबंधों में मजबूती और गर्मजोशी आई है. 

हमने तय किया था कि हम मतभेद को दूर करेंगे और विवाद नहीं बनने देंगे और एक दूसरे के चिंताओं के मामले में सेंसटिव रहेंगे. हमारे संबंध विश्व में शांति औऱ स्थिरता का कारक होंगे.

बता दें कि अब से कुछ समय के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति के सम्मान में लंच देंगे.

11:42 October 12

भारत और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत शुरू

प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत

भारत और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय बातचीत शुरू हो गई है. वार्ता के बाद दोनों देश अलग-अलग बयान जारी करेंगे. भारत की ओर अजीत डोभाल और  एस जयशंकर मौजूद हैं. इस प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में दोनों देशों की तरफ से छह-छह सदस्य शामिल हैं. इस बैठक में मोदी और जिनपिंग मौजूद हैं.

11:15 October 12

कोव रिजॉर्ट में मोदी-जिनपिंग की मुलाकात समाप्त

वार्ता समाप्त हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कोव रिजॉर्ट में मुलाकात खत्म हो गई है. दोनों नेताओं के बीच चली 40 मिनट की बातचीत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. 

10:37 October 12

कोव रिसॉर्ट में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच वार्ता शुरू

मोदी और जिनपिंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कोव रिजॉर्ट में वार्ता जारी है. दोनों नेताओं के बीत व्यापार और आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर बातचीत हो सकती है. दोनों नेताओं  के बीच वार्ता जारी है. यह वार्ता 40 मिनट तक चलेगी. यह वार्ता बिना प्रतिनिधिमंडल के हो रही है. बातचीत के बाद दोनों देश अलग-अलग बयान जारी करेंगे.

शुक्रवार की बात

इससे पूर्व  विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि मोदी एवं शी ने आतंकवाद के कारण दोनों देशों के सामने पैदा हो रही चुनौतियों पर चर्चा की और इससे निपटने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस प्राचीन तटीय शहर के भव्य ‘शोर मंदिर’ परिसर में शुक्रवार को रात्रिभोज के दौरान ढाई घंटे चली अपनी वार्ता में आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों का मिलकर सामना करने का संकल्प लिया.

विदेश सचिव विजय गोखले ने देर शाम संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दोनों नेताओं ने निवेश के नए क्षेत्रों को पहचानने, व्यापार बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार की अहमियत पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापार एवं आर्थिक मामलों पर चर्चा की.
 

10:03 October 12

पीएम मोदी से मिलने के लिए ITC ग्रैंड चोल होटल से कोवलम के लिए रवाना हुए जिनपिंग

कोव रिजॉर्ट जाते शी और मोदी.

चीनी राष्ट्रपति पीएम मोदी से आज कोवलम में मुलाकात करेंगे. इसके लिए चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का काफिला ITC ग्रैंड चोल होटल से कोवलम के लिए रवाना हुआ. यहां पीएम मोदी ने शी का स्वागत किया. फिर दोनों एक वाहन में सवार होकर रिजॉर्ट तक गए. 

08:11 October 12

LIVE NEWS-12-10-2019- कोव रिसॉर्ट में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच वार्ता शुरू

मामल्लापुरम: भारत दौरे पर आए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का आज दूसरा दिन है. आज चीनी राष्ट्रपति शी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनौपचारिक मुलाकात होगी. खबरों की माने तो पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अकेले में करीब 40 मिनट तक बातचीत होगी.  

जानकारी के मुताबिक आज सुबह 10 बजे के करीब शी जिनपिंग और पीएम मोदी ताज फिशरमैन के कोव रिसॉर्ट में बैठक करेंगे. 

इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद जताई जा रही है. 

शुक्रवार को कई विषयों पर चर्चा हुई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस प्राचीन तटीय शहर के भव्य ‘शोर मंदिर’ परिसर में शुक्रवार को रात्रिभोज के दौरान ढाई घंटे चली अपनी वार्ता में आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों का मिलकर सामना करने का संकल्प लिया.

विदेश सचिव विजय गोखले ने देर शाम संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दोनों नेताओं ने निवेश के नए क्षेत्रों को पहचानने, व्यापार बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार की अहमियत पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापार एवं आर्थिक मामलों पर चर्चा की.

उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार घाटे और व्यापार में असंतुलन पर भी बातचीत की.

गोखले ने बताया कि मोदी और शी ने चार विश्व धरोहर स्थलों की सैर करने समेत करीब साढे चार घंटे साथ समय बिताया. इसके साथ ही मामल्लापुरम में दोनों नेताओं की दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता का पहला दिन समाप्त हो गया.

गोखले ने बताया कि मोदी एवं शी ने आतंकवाद के कारण दोनों देशों के सामने पैदा हो रही चुनौतियों पर चर्चा की और इससे निपटने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया.

उन्होंने कहा, 'इस बात को स्वीकार किया गया कि दोनों देश बहुत जटिल और बहुत विविध हैं. दोनों नेताओं ने कहा कि भारत एवं चीन बड़े देश हैं, दोनों के लिए कट्टरपंथ चिंता का विषय है.'

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने मिलकर काम करने का संकल्प लिया ताकि कट्टरपंथ एवं आतंकवाद दोनों देशों के बहु-सांस्कृतिक, बहु-जातीय, बहु-धार्मिक समाजों को प्रभावित नहीं कर पाए.

मोदी और शी ने अपनी-अपनी राष्ट्रीय दूरदृष्टि एवं शासन संबंधी प्राथमिकताओं पर विस्तृत वार्ता की

गोखले ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने कहा कि (प्रधानमंत्री पद पर) दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें चुने जाना आर्थिक विकास के लिए मिला जनादेश है. राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी को जनादेश मिलने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि वह आगामी साढे चार साल में मोदी के साथ सभी मुद्दों पर करीब तौर पर काम करने के इच्छुक हैं.'

उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने तमिलनाडु और चीन के पूर्वी तट के बीच प्राचीन ऐतिहासिक एवं व्यापारिक संबंधों पर भी बातचीत की.

गोखले ने कहा, '150 मिनट से अधिक समय तक बातचीत चली और यह वार्ता तय समय से अधिक देर चली. काफी खुली और सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक साथ वक्त बिताया. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के शेष सदस्यों ने अन्य स्थान पर रात्रिभोज किया.'

पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता 2018 में हुई

मोदी और शी के बीच पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता चीन के वुहान में 2018 में हुई थी. उसके कुछ महीने पहले ही डोकलाम में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा था.

नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि आगामी अनौपचारिक शिखर सम्मेलन एक ऐसा अवसर होगा जब दोनों नेता द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अत्यंत आवश्यक मुद्दों पर अपनी चर्चा को आगे बढ़ाएंगे.

इस तरह की धारणा थी कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के करीब दो महीने पहले लिये गये भारत के फैसले ने शिखर वार्ता की तैयारियों को प्रभावित किया. दोनों पक्षों ने चीनी नेता के चेन्नई पहुंचने से महज 50 घंटे पहले बुधवार को शी की भारत यात्रा की तारीख की घोषणा की .

 


 

Last Updated : Oct 12, 2019, 3:34 PM IST

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