चूरू/ राजस्थान :पूरा देश नवरात्र का पर्व मना रहा है. मां दुर्गा के इस पावन पर्व को लोग महिला सशक्तिकरण से जोड़ कर भी देखते हैं और कहीं न कहीं यह पर्व महिलाओं के सम्मान के रूप में भी प्रसिद्ध है. लेकिन इन सभी बातों के इतर राजस्थान के चुरू जिले में कुछ और ही देखने को मिला है. जी हां! यहां एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे देखकर आपका खून खौल उठेगा. एक तरफ बेटे के जाने की पीड़ा, दूसरी ओर बर्बरता भरा व्यवहार. एक बुजुर्ग महिला ने अपनी पूरी जिंदगी में भी ऐसा नहीं सोचा होगा कि दुनिया किस हद तक अमानवीयता की हद पार कर सकती है.
चुरु के एसपी ऑफिस में बिलकती, रोती इस बुजुर्ग महिला के आंसू यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि किस तरह उसके दर्द को नजरअंदाज किया जा रहा है. जवान बेटे की मौत का सदमा झेल रही जब एक बुजुर्ग महिला एसपी से मिलने पहुंची तो अधिकारियों ने उसे एसपी से मिलने नहीं दिया. महिला एसपी ऑफिस के गेट पर जमीन पर पड़ी रोती-सिसकती रही लेकिन उसे ऑफिस में बैठने की जगह भी नहीं मिली.
चूरू के एसपी ऑफिस के बाहर सोमवार देर शाम मानवीय संवेदनाएं तार-तार होती दिखाई दी. यहां अपने जवान बेटे की मौत के मामले में एसपी से गुहार लगाने एसपी ऑफिस पहुंची एक बुजुर्ग महिला को कार्यालय में कार्यरत स्टाफ ने बैठने तक कि जगह नहीं दी. बेटे की मौत के सदमे को झेल रही इस महिला को देखकर किसी का भी दिल नहीं पसीजा. ये बुजुर्ग महिला कार्यलय के सामने जमीन पर पड़ी रो-रोकर अंदर जाने की गुहार लगाती रही लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने उसे अंदर नहीं जाने दिया.
महिला बस एक बार एसपी से मिलने की मिन्नतें करती रही लेकिन एसपी ऑफिस में कार्यरत स्टाफ ने कार्यलय में अधिकारियों के नहीं होने का हवाला देकर उसे अंदर आने से मना कर दिया. इस मामले की जानकारी मिलने पर जब मीडिया मौके पर पहुंची, तब जाकर कैमरो को देखकर एसपी ऑफिस में कार्यरत स्टाफ को इंसानियत और मानवता की अचानक याद आयी और बुजर्ग महिला को पानी पिलाया गया. साथ ही सादी वर्दी में तैनात पुलिस का जवान उस बेबस महिला को उठाकर अंदर ले गया.