कोरोना को देखते हुए इस बार श्रावणी मेला नहीं लगाया गया है. सावन की पहली सोमवारी से ही सावन की शुरुआत हो गई है. बता दें कि हर साल बाबाधाम में सावन के महीने में श्रावणी मेले का आयोजन होता था. इस मेले में कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंचते थे. बड़ी संख्या में भक्त बाबा का जलाभिषेक करते थे, लेकिन इस बार श्रावणी मेला के स्थगित होने से भक्तों में मायूसी है. इस बार भक्त बाबा की नगरी नहीं जा पाएंगे.
सावन सोमवार : उज्जैन और झारखंड में बाबा भोलेनाथ के ऑनलाइन दर्शन का इंतजाम
सावन के पहले सोमवार को सुबह 4 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती हुई. इस मौके पर बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया गया. गर्भगृह को चमेली के फूलों से सजाया गया. कोरोना वायरस की वहज से इस बार आरती में श्रद्धालु शामिल नहीं हो सके.
13:41 July 06
झारखंड के देवघर में श्रावणी मेले का आयोजन नहीं
11:01 July 06
उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया रुद्राभिषेक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में स्थित मानसरोवर मंदिर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया. बता दें कि सावन का महीना शुरू हो गया है. वहीं आज सावन का पहला सोमवार भी होने की वजह से यह दिन बेहद खास हो जाता है. सीएम योगी इन दिनों अपने गोरखपुर दौरे पर हैं.
10:08 July 06
आस्था का केंद्र है कनखल का दक्ष मंदिर
सावन के पहले सोमवार का हिन्दू धर्म में खास महत्व है. सावन का पूरा महीना भगवान शिव की अराधना का माह माना जाता है. वहीं सावन के महीने में भगवान शिव कनखल के दक्ष मंदिर में एक महीने के लिए विराजमान होते हैं. मान्यता है कि सावन माह में कैलाश पर्वत से भगवान भोलेनाथ अपने ससुराल हरिद्वार कनखल आते हैं और पूरे माह यहीं रहकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हैं. जो पौराणिक मंदिर होने के साथ ही श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. गौर हो कि इस बार कोरोना के कारण तमाम मंदिरों में सोशल-डिस्टेंसिंग के साथ श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकेंगे. दक्ष प्रजापति मंदिर के महंत विसवेश्वर पूरी ने बताया कि सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय होता है. कनखल दक्ष प्रजापति महादेव का ससुराल है.
08:19 July 06
झारखंड के देवघर में सावन मेले का आयोजन नहीं, मंदिर परिसर में नहीं दिखी भीड़
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ भी एक हैं. इस मंदिर में हर वर्ष लाखों शिव भक्त जलार्पण करने उमड़ते हैं. हालांकि, इस वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए प्रशासन ने सावन मेला न कराने का फैसला लिया है. इस लिए सावन के पहले सोमवार को मंदिर परिसर में भक्तों का हुजूम नहीं देखा गया.
07:49 July 06
सावन का पहला सोमवार लाइव
उज्जैन : सावन के पहले सोमवार को तड़के (4:00 बजे) बाब महाकाल की भस्म आरती हुई. तड़के भगवान महाकालेश्वर का दूध-दही से अभिषेक किया गया. इसके बाद ढोल-नगाड़ों और मंदिर की घंटियों के साथ विधि-विधान से पूजारियों ने महाकाल की भस्म आरती की. इस मौके पर बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया गया और गर्भगृह को चमेली के फूलों से सजाया गया. इस बार कोरोना वायरस की वजह से इस बार आरती में श्रद्धालु शामिल नहीं हो सके.
महाकालेश्वर मंदिर में सावन के पहले दिन देर रात 2:30 बजे मंदिर के कपाट खोले गए. इसके बाद बाबा महाकाल को जल चढ़ाया गया और फिर पंचामृत अभिषेक कर पूजन के बाद भांग का विशेष शृंगार कर भस्म आरती की गई.
आम दिनों में सावन के पहले सोमवार पर मंदिर परिसर का नंदीहॉल, गणेश मंडपम और कार्तिक हॉल श्रद्धालुओं से भरा रहता था, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इस बार श्रद्धालु सावन में बाबा महाकाल के दर्शन नहीं कर पाए और पूरा मंदिर परिसर खाली रहा. बता दें कि बाबा महाकाल के दरबार में देश और दुनियाभर से श्रद्धालु आते हैं.
आज शाम 4:00 बजे बाबा महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने के लिए शहर के भ्रमण पर निकलेंगे. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए इस बार महाकाल की सवारी का मार्ग परिवर्तन किया गया है. महाकाल की सवारी में आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. साथ ही श्रद्धालुओं से निवेदन किया गया है कि, सोशल मीडिया के माध्यम से घर पर रहकर ही महाकाल के दर्शन करें. श्रद्धालु महाकालेश्वर मंदिर की वेबसाइट और महाकालेश्वर मंदिर के फेसबुक पेज और टि्वटर हैंडल पर जाकर यह लाइव दर्शन कर सकते हैं.