श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके में सेना ने मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जाकिर मूसा को मार गिराया है. सेना ने जाकिर मूसा के शव को बरामद कर लिया है. जाकिर आतंकी संगठन अंसार गजवात उल हिंद का चीफ था.सुरक्षा एजेंसियां लंबे समय से उसकी तलाश में थी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने इन दोनों आतंकियों को घेर कर इनसे सरेंडर करने को कहा तो वो सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड से हमला करने लगे. जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कारवाई की और जाकिर मूसा मारा गया.
खबरों के अनुसार, सेना ने जाकिर मूसा को उसी जगह पर ढेर किया है जहां हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी को ढेर किया था. हाल ही में कश्मीर में तमाम आतंकियों के जनाजे में जाकिर मूसा के नाम के नारे लगने की बात सामने आई थी.
मूसा पाकिस्तान की निंदा के बाद कश्मीर घाटी में सुर्खियों में आया था और उसने प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन से रिश्ते तोड़कर अल-कायदा के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की थी.
कैरम खिलाड़ी मूसा ने किशोरावस्था में जम्मू कश्मीर का विभिन्न स्तरों पर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व किया था.
पुलिस महानिरीक्षक स्वयं प्रकाश पाणि ने कहा कि बेहद सतर्कता बरतते हुए इस पूरे अभियान को अंजाम दिया गया ताकि अपनी तरफ किसी भी नुकसान को कम किया जा सके.
पाणि ने बताया, 'वह सबसे उम्रदराज आतंकवादी था और आतंकवाद से जुड़े कई अपराधों में वांछित था.'
पुलिस प्रवक्ता ने बताया, 'पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक, मूसा का 2013 से ही अपराध का लंबा इतिहास है. वह शुरू में प्रतिबंधित संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा था लेकिन बाद में उसने नया संगठन अंसार गजावत-उल-हिंद बना लिया.'
गुरुवार की शाम पुलिस ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और सेना के जवानों के साथ मिलकर पुलवामा जिले के त्राल इलाके के ददसारा गांव की घेराबंदी की थी. इस दौरान मूसा वहां फंस गया.
उससे आत्मसमर्पण करने को कहा गया लेकिन सुरक्षा बलों को आता देख उसने गोलीबारी शुरू कर दी.
अधिकारियों ने कहा कि इस दौरान हुई मुठभेड़ में शुक्रवार तड़के मूसा मारा गया और अल सुबह उसका शव बरामद किया गया.
प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मोहाली में विशेष राष्ट्रीय जांच अधिकरण (एनआईए) अदालत ने जालंधर में पिछले साल सितंबर में हुए श्रृंखलाबद्ध धमाकों के सिलसिले में इस महीने के शुरू में मूसा को भगोड़ा घोषित किया था.
पुलवामा जिले के अवंतिपोरा में मूसा के पैतृक गांव नूरपुरा में हजारों की संख्या में लोग मूसा के जनाजे में शामिल हुए और लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए सात दौर में 'नमाज-ए-जनाजा' कराना पड़ा.
मूसा अप्रैल 2013 से आतंकी वारदातों में सक्रिय था. मूसा ने जब बुरहान वानी से मिलकर हथियार उठाया था तब वह इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष का छात्र था. बुरहान वानी को सुरक्षा बलों ने 2016 में एक मुठभेड़ में मार गिराया था. दक्षिण कश्मीर के स्थानीय लोगों के बीच मूसा की लोकप्रियता बीते तीन साल के दौरान बढ़ी और उसे वानी की मौत के बाद उसके स्वाभाविक उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा.