हैदराबाद : पाकिस्तान आए दिन भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहता है. यह सर्वविदित है कि पाकिस्तान ने हाल ही में मजबूरी वश दो सूची जारी की है जिससे वह वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के और कड़े प्रतिबंधों से बच सके. एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो आतंकवादियों को वित्त पोषण की निगरानी और उसे नियंत्रित करता है. इस सूची में 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं का विस्तृत ब्योरा दर्ज है.
इसमें दाउद इब्राहिम का भी नाम है जो 1993 के मुंबई बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड है.
रूटीन वाला बयान बताया
पाकिस्तान दाउद और मसूर अजहर जैसे अन्य दुर्दांत आतंकवादियों की संपत्ति जब्त करने उनके बैंक खातों पर रोक लगाने की घोषणा के कुछ ही दिनों के अंदर इस बयान से पलट गया और कहा कि वह एक रूटीन वाला बयान था और उसने कभी आतंकवादियों को पनाह नहीं दी.
इमरान सरकार की नीति
इमरान सरकार की अपनी नीतियों से बार-बार पलटने वाला रवैए की तुलना उस बिल्ली से की जा सकती है जो अपनी आंखें बंद कर चोरी-छुपे दूध पीती है और सोचती है कि दुनिया उसे देख नहीं रही है.
आतंकवादियों को संरक्षण देने की वजह से जब भी उसके खिलाफ प्रतिबंध लगने की बात होती है तो पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कुछ मुकदमे दर्ज करने का नाटक करता है, लेकिन वह हमेशा उनके साथ घनिष्ठ संबंध रखता है और उनके हितों का समर्थन करता है.
आतंकी संगठनों का पनाहगार पाकिस्तान
जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तोइबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के नेतृत्व वाले उग्रवादी संगठनों के लिए वह सुरक्षित पनाहगार रहा है तब भी दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की व्यर्थ की कोशिश करता है कि वह निर्दोष है.
उसका नाम हालांकि पाकिस्तान (पवित्र भूमि) है लेकिन वास्तव में आतंकवादियों के पक्ष में है. वह भारत के खिलाफ हिंसा का पोषण करता है और उपमहाद्वीप के लिए बहुत बड़ा खतरा है.
पाकिस्तान का कभी-कभार अपने ही खिलाफ बोलने की मजबूरी का मुख्य कारण वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) का डर है.