नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने संसद को बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अनुच्छेद 370 के हटने के बाद आतंकवादी घटनाएं 443 से घटकर 206 हो गई हैं.
शिवसेना सांसद अनिल देसाई के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद आतंकवादी घटनाओं की संख्या, पथराव के मामले में कमी आई है. पिछले साल 51 ग्रेनेड हमले हुए, वहीं इस साल 15 जुलाई तक 21 ग्रेनेड हमले हुए. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल आतंकी हमलों में 23 आम नागरिक मारे गए और 75 सुरक्षबलों के जवान शहीद हुए. वहीं इस साल 22 आम नागरिक मारे गए और 35 जवान शहीद हुए.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि जम्मू और कश्मीर ने 5 अगस्त 2019 और 31 अगस्त 2020 के बीच 206 आतंकवादी घटनाओं और 310 पथराव के मामले देखे गए, जो की 7 अगस्त 2018 और 4 अगस्त 2019 के बीच 443 आतंकवादी घटनाओं और 703 पत्थरबाजी के मामलों से कम है.
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अनिल देसाई के एक सवाल का जवाब देते हुए कि क्या सरकार ने शिक्षित आम लोगों को एंटी नेशनल गतिविधियों से दूर रहने में सफल बनाया है, जी किशन रेड्डी ने कहा कि सरकार ने आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई है. इसके साथ ही विभिन्न उपायों को अपनाया है, जैसे सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाना, राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कानून का सख्त प्रवर्तन, आतंकी संगठनों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए घेरा और तलाशी अभियान.
आतंकवादियों को समर्थन प्रदान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का प्रयास करने वाले व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखते हुए, कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अन्य कदमों में विभिन्न स्तरों पर पुलिस और जनता के बीच बातचीत में वृद्धि करना, सभी सुरक्षा बलों के बीच वास्तविक समय पर खुफिया जानकारी साझा करना शामिल है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त, 2019 को संसद में अनुच्छेद 370 और 35A को रद्द करने की घोषणा की थी, जिसके परिणाम स्वरूप जम्मू और कश्मीर राज्य का दो संघ क्षेत्रों में विभाजन हो गया था.