पटना : कोरोना महामारी को लेकर भारत में जहां अनलॉक है. वहीं नेपाल में लॉकडाउन जारी है. इस बीच शुक्रवार को भारतीय सीमा पर नेपाल सशस्त्र बल के जवानों की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की. इस गोलीबारी की घटना में चार भारतीयों को गोली लगी. इस दौरान एक भारतीय की मौत हो गई है. अन्य दो लोगों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. जबकि, एक भारतीय अभी भी नेपाल की सेना की गिरफ्त में है.
फायरिंग के बाद से बार्डर पर तनाव का माहौल है. ग्रामीण नेपाल की सेना के गिरफ्त में कैद युवक की रिहाई की मांग कर रहे हैं. स्थानीय नेता से लेकर सांसद तक सक्रिय रूप से युवक की रिहाई की गुहार लगा रहे हैं. सांसद सुनील कुमार पिंटू ने मामले पर बिहार सरकार को पत्र लिखा है.
आखिर बार्डर पर क्यों चली गोली?
सीमा पर तनाव के बीच जब ईटीवी भारत संवाददाता घटनास्थल पर पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने बताया कि नेपाल कीओर से एक मां अपनी बेटी से मिलने के लिए भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में आई थी. वे नो मैंस लैंड पर बात करने लगीं, तभी नेपाल के सैनिकों ने आपत्ति जताई, जिसके बाद वहां के खेतों में काम कर रहे युवकों ने विरोध किया तो नेपाली जवानों ने फायरिंग कर दी.
स्थानीय लोगों की मानें तो नेपाल सशस्त्र बल के जवानों ने 18 राउंड फायरिंग की. नेपाल की सेना ने भारतीय सीमा के खेतों में काम कर रहे जानकी नगर निवासी लगान राय को अपने कब्जे में लिया है, जबकि लालबंदी निवासी नागेश्वर राय के 25 वर्षीय पुत्र विकेश कुमार की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, विनोद राम के पुत्र उमेश राम की दाहिने हाथ में गोली लगी. इसके अलावा सोहरवा निवासी बिंदेश्वर ठाकुर के पुत्र उदय ठाकुर को जांघ में गोली लगी है.