हैदराबाद : पूर्व प्रधानमंत्री पामुलापति वेंकट (पीवी) नरसिम्हा राव के जन्मशताब्दी वर्ष के दौरान आयोजित किए जाने वाले समारोहों की तैयारियां जोरों पर हैं. वर्ष पर्यन्त चलने वाले कार्यक्रमों की औपचारिक शुरुआत 28 जून को होगी. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इस भव्य आयोजन की तैयारियों के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है.
गौरतलब है कि नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले दक्षिणी भारत के पहले व्यक्ति थे. वह 18 भाषाएं बोलना जानते थे. उन्हें बृहस्पति कहा जाता था और उनकी राजनीतिक कुशलता अद्वितीय थी. भूमि सुधारों को सख्ती से लागू करने वाले वह पहले मुख्यमंत्री थे. उन्हें 'भारतीय आर्थिक सुधारों का जनक' कहा जाता है.
पीवी नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून, 1921 को वारंगल जिले में हुआ था. वारंगल के लक्नेपल्ली गांव में उनकी स्मृति में एक पुस्तकालय और एक अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त, उनके पैतृक गांव वंगारा में एक संग्रहालय स्थापित किया जाएगा. प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनकी संपत्ति इस संग्रहालय में प्रदर्शित की जाएगी. यह संग्रहालय युवा पीढ़ी को राष्ट्र में उनके योगदान के बारे में जानने में बहुत मदद करेगा.
पीवी नरसिम्हा राव के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान आंध्र प्रदेश में भूमि सुधारों को लागू करने में कुछ युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पीवी ने भूमि सीलिंग अधिनियम लागू करने से पहले गरीब किसानों को अपनी जमीन दे दी थी. इसके अलावा राव ने सर्वेल में पहला विद्यालय स्थापित किया. जब वह एपी एंडॉमेंट्स और कानून मंत्री थे, तब उन्होंने एंडॉवमेंट्स एक्ट के बारे में सोचा, राजनीतिक असफलताओं के बावजूद, वह सही सुधारों को लागू करने में कभी पीछे नहीं हटे.