पटना :तीस वर्षीय तेजस्वी यादव वर्ष 2015 में तब सबसे कम उम्र के उपमुख्यमंत्री बने थे जब राजद ने बिहार में जदयू और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. राज्य का मुख्यमंत्री बनने की उनकी आकांक्षा ने उस समय खुद ही आकार ले लिया था. पिता लालू प्रसाद शायद ही कभी मोबाइल फोन रखते थे, अपने पिता के विपरीत तेजस्वी पार्टी को मजबूत करने के लिए सोशल नेटवर्किंग का उपयोग करते हैं.
तेजस्वी अपनी पार्टी के लोगों से जुड़े रहने के लिए इस तरह के सभी तरीकों का उपयोग करते हैं. तेजस्वी तकनीक का व्यावहारिक ज्ञान रखने वाले ऐसे युवा नेता हैं जो अपने फेसबुक अकाउंट की जांच करना और नवीनतम जानकारी के लिए ट्विटर का उपयोग करना पसंद करते है, वह अब खुश हैं.
ये आईटी वीईटी क्या होता है
पिता लालू प्रसाद ने एक बार कहा था – ये आईटी वीईटी क्या होता है, पिता के विपरीत तेजस्वी सोशल नेटवर्किंग में विश्वास करते हैं. वास्तव में तेजस्वी ने ही अपने पिता को ट्विटर और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइटों से परिचित होने के लिए कहा था. आज लालू सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार के लोगों के साथ नियमित रूप से ट्वीट के जरिए अपनी बातें पहुंचाते हैं.
जब एक नवोदित क्रिकेटर के रूप में खेल के करियर में बहुत सफलता नहीं मिली तो तेजस्वी ने राजनीति में प्रवेश किया जिसके बाद बहुत लोगों ने उनके भविष्य को लेकर अपनी नाक भौं सिकोड़ीं. हालाँकि, आज वह एक सफल राजनेता हैं. वह अभी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी का नेतृत्व करते हैं और क्या कैसे होगा इसका निर्णय लेने की पहल करते हैं.
तेजस्वी की स्कूली शिक्षा नौवीं कक्षा तक
दिलचस्प बात यह है कि तेजस्वी की स्कूली शिक्षा नौवीं कक्षा के बाद समाप्त हो गई, क्योंकि उन्होंने अपना ध्यान 2008 से 2012 तक आईपीएल की टीम दिल्ली डेयरडेविल्स का सदस्य बनाने पर लगाया था. वह अंडर 15 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए भी दिल्ली के लिए खेलते थे.
वैशाली जिले की राघोपुर सीट जीते
उनके जीवन ने वर्ष 2015 में तब यू- टर्न लिया जब वे वैशाली जिले की राघोपुर सीट जीतने के बाद बिहार विधानसभा के सदस्य बने और इसके बाद 26 साल की उम्र में उप मुख्यमंत्री बने . अपने पिता के कमाल को दोहराने के लक्ष्य की बात करें तो तेजस्वी का राजनीतिक भविष्य लंबा है. यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उन्हें बिहार का भविष्य कहा था. लालू ने अनौपचारिक रूप से तेजस्वी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में राज तिलक लगा दिया है, हालांकि उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव हैं.
तेजस्वी अपने बड़े भाई से अधिक परिपक्व माने जाते हैं
तेजस्वी को उनके बड़े भाई की तुलना में अधिक परिपक्व नेता माना जाता है. तेज प्रताप अपने बयानों के जरिए पार्टी के लिए परेशानी पैदा करने के लिए अधिक चर्चित हैं. यही कारण है कि लालू ने तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी चुना है. तेजस्वी की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वह सड़क निर्माण विभाग के मंत्री थे तो उन्होंने एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया था जिसमें लोगों से सड़कों के संबंध में अपनी शिकायतें भेजने का आग्रह किया गया था. विभाग को चार महीने में 47 हजार संदेश मिले, जिनमें से 44 युवतियों के थे जिन्होंने उनसे शादी करने की इच्छा जताई थी.
एक मृदुभाषी नेता