इस्लामाबाद/गुरदासपुर: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच में दोनों देशों के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर शुक्रवार को चर्चा की.
केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है.
अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक 'जीरो प्वाइंट' पर हुई. जीरो प्वाइंट वह बिंदु है, जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलते हैं. इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
बैठक में भाग लेने वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक दो घंटे तक चली जिसमें गलियारे संबंधी विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर बातचीत की गई.
बैठक स्थल पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और परिसर के निकट किसी भी मीडिया कर्मी को जाने की अनुमति नहीं थी.
भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया. यह प्राधिकरण अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल इमारत का निर्माण कर रहा है.
हालांकि इस बारे में पाकिस्तान की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा.सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी.
बता दें कि करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी.
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को निरस्त कर दिए थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है.
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पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने बृहस्पतिवार को कहा था, 'पाकिस्तान करतारपुर साहिब गलियारे को पूरा करने और उसका उद्घाटन करने के लिए प्रतिबद्ध है जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री (इमरान खान) ने घोषणा की थी.'
पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं.
करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने प्रस्तावित क्रॉसिंग बिंदुओं के संरेखण, समन्वय और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बात की है.
दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी.
यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा.
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पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है. जबकि डेरा बाबा नानक से लेकर सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा.
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. कश्मीर पर भारत के कदम को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने नयी दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों का दर्जा कम करते हुए भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था.