नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमान की भूमिका काफी अहम होगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस से पहला राफेल विमान लाने के लिए फ्रांस पहुंच चुके हैं. भारत-फ्रांस के बीच हुए रक्षा सौदे के मुताबिक आठ अक्टूबर को पहला राफेल विमान भारत को सौंपा जाएगा. रक्षा मामलों के जानकार ब्रिगेडियर अरुण सहगल (सेवानिवृत्त) ने भारत में राफेल की अहमियत पर विशेष बातचीत की.
ब्रिगेडियर अरुण सहगल ने बताया कि राफेल विमान अधिग्रहण पिछले दो दशकों का सबसे बड़ा अधिग्रहण है. राफेल चौथे जेनरेशन प्लस (fourth generation plus) श्रेणी का एयरक्राफ्ट है. इससे भारतीय वायुसेना की क्षमताओं में काफी बढ़ोतरी होगी. भारत के पास राफेल विमान आने से चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में भारतीय वायुसेना काफी बेहतर बनेगी.
राफेल की खासियत का जिक्र करते हुए ब्रिगेडियर सहगल ने कहा कि इसमें विश्व की अत्याधुनिक उड़ान तकनीक (avionics) है. इसके साथ 150 किलोमीटर तक मार कर सकने वाली मिसाइल भी है.
उन्होंने बताया कि शाफ्ट डिस्पेंसर (shaft dispensers) की मदद से दुश्मन के किसी भी मिसाइल को नष्ट किया जा सकता है.