दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में नहीं रहना चाहते 40 फीसदी दिल्लीवासी : सर्वेक्षण

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 40 प्रतिशत निवासी खराब वायु गुणवत्ता के कारण दूसरे शहरों में जाना चाहते हैं, जबकि 16 प्रतिशत लोग इस स्थिति के दौरान यात्रा पर जाना चाहते हैं. एक नये सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है. दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र के 17,000 से अधिक उत्तरदाताओं के बीच कराये गये सर्वेक्षण में पाया गया है कि 13 प्रतिशत निवासियों का मानना ​​है कि उनके सामने बढ़ते प्रदूषण स्तर का सामना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. जानें विस्तार से...

जहरीले प्रदूषण के कारण दिल्ली में नहीं रहना चाहते

By

Published : Nov 3, 2019, 6:02 PM IST

Updated : Nov 3, 2019, 6:17 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते वायु प्रदूषण से हालात कितने बिगड़ चुके हैं, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली और एनसीआर के 40 प्रतिशत निवासी खराब वायु गुणवत्ता के कारण दूसरे शहरों में जाकर बसना चाहते हैं, जबकि 16 प्रतिशत लोग इस स्थिति के दौरान यात्रा पर जाना चाहते हैं.

दिल्ली और एनसीआर के 17,000 से अधिक उत्तरदाताओं के बीच कराये गये नये सर्वेक्षण में यह हकीकत सामने आयी है. दिल्ली के 13 प्रतिशत निवासियों का यह भी मानना ​​है कि उनके सामने बढ़ते प्रदूषण स्तर का सामना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

सर्वेक्षण में 40 फीसदी से अधिक निवासियों ने कहा कि वे दिल्ली एनसीआर को छोड़कर कहीं और जाना चाहेंगे, जबकि 31 प्रतिशत ने कहा कि वे दिल्ली एनसीआर में रहेंगे और खुद को एयर प्यूरीफायर, मास्क, पौधों से सुरक्षित करेंगे. यह सर्वेक्षण ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स द्वारा कराया गया है.

हालांकि 16 फीसदी लोगों ने कहा कि वे दिल्ली एनसीआर में रहेंगे, लेकिन जहरीले प्रदूषण के इस दौर में कहीं और यात्रा पर जाना चाहेंगे. वहीं 13 फीसदी लोगों ने कहा कि वे यहीं रहेंगे और बढ़ते प्रदूषण के स्तर से निबटने के लिए उनके पास कोई और विकल्प नहीं है.

इसे भी पढ़ें - कोई तो बचा लो ये दिल्ली! रियल टाइम एयर क्वालिटी इंडेक्स 1000 के पार

प्रदूषण के कारण अस्पताल जा रहे लोग
यह पूछे जाने पर कि पिछले एक सप्ताह में प्रदूषण ने उन्हें और उनके परिवार को कैसे प्रभावित किया. तब 13 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनमें एक या अधिक पहले ही अस्पताल जा चुके हैं जबकि 29 प्रतिशत ने कहा कि उनमें एक या अधिक पहले डॉक्टर के पास जा चुके है.

सर्वेक्षण के अनुसार 44 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें प्रदूषण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं, लेकिन वे डॉक्टर या अस्पताल नहीं गये हैं. केवल 14 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके स्वास्थ्य पर प्रदूषण का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.

बता दें कि रविवार की सुबह बारिश होने के बावजूद दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही.

इसे भी पढ़ें - दिल्ली में पॉल्यूशन का प्रकोप! IGI से 32 फ्लाइटें की गईं डायवर्ट

वायु गुणवत्ता सूचकांक में बदतर है हालात
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पूर्वाह्न 11 बजे 486 था. वहीं पूसा (495), आईटीओ (494), मुंडका (493) और पंजाबी बाग से AQI का स्तर उच्च बताया गया.

गौरतलब है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) को अनिवार्य तौर पर 'सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित करने का आदेश दिया. इसके बाद दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला किया.

EPCA ने दिल्ली-एनसीआर में निर्माण गतिविधियों पर भी 5 नवम्बर तक रोक लगा दी. दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन वाहन योजना भी सोमवार से लागू कर दी जाएगी.

जानकारी के लिए बता दें कि 0-50 के बीच एक AQI को 'अच्छा', 51-100 'संतोषजनक', 101-200 'उदारवादी', 201-300 'गरीब', 301-400 'बहुत गरीब' और 401-500 'गंभीर' माना जाता है. 500 से ऊपर 'गंभीर प्लस' श्रेणी में आता है.

Last Updated : Nov 3, 2019, 6:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details