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कोरोना से बेटी की सुरक्षा के लिए बनाया पैडल वाला 'ऑटो-रिक्शा'

हर पिता को अपनी औलाद प्यारी होती है. उसकी खुशी से लेकर उसकी सुरक्षा तक वह साये की तरह उसकी देखभाल करता है. ऐसे ही एक पिता हैं केरल के चेम्मट्टम वायल के रहने वाले सुरेश, जिन्होंने अपनी दिव्यांग बेटी की सुरक्षित आवाजाही के लिए पैडलनुमा साइकिल बनाई है, जो दिखने में एक ऑटो-रिक्शा सी दिखाई पड़ती है.

autorickshaw
ऑटो रिक्शा

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Published : Oct 24, 2020, 4:25 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 6:21 PM IST

कासरगोड (केरल) :कोरोना वायरस ने लोगों में सुरक्षा को लेकर एक डर पनपा दिया है, जिसके चलते लोग सुरक्षा सुविधा को लेकर काफी सचेत हो गए हैं. कोई भी सामान प्रयोग करने से लेकर आवाजाही तक सफाई का खासा ख्याल रखा जा रहा है.

कई परिवार अपने घर के सदस्यों को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा के उचित उपाय खोज रहे हैं. ऐसा ही एक परिवार है केरल के कासरगोड जिले का, जहां एक पिता ने कोविड-19 के इस समय में अपनी बेटी की सुरक्षित आवाजाही के लिए एक ऐसे वाहन का निर्माण किया, जिसे देख हर कोई आश्चर्यचकित है.

कंजांगड़ के चेम्मट्टम वायल के रहने वाले सुरेश ने अपनी बेटी स्नेहा के लिए ऑटो-रिक्शा की तरह दिखना वाला एक वाहन तैयार किया है, जो दूर से एक नजर में मूल ऑटो-रिक्शा की तरह ही दिखता है. यह केवल साइकिल की तरह पैडलिंग द्वारा चलाया जा सकता है.

बता दें कि सुरेश की बेटी स्नेहा दिव्यांग हैं. महामारी के समय जब तेजी से फैलता वायरस हर किसी को, हर उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहा है, ऐसे में पिता (सुरेश) का बेटी (स्नेहा) के लिए चिंतित होना लाजिमी है.

महामारी के समय काम हुआ ठप्प
सुरेश पेशे से एक ऑटो ड्राइवर हैं, जो अपनी बेटी (स्नेहा) को हर सुबह अपने ऑटो-रिक्शा में बैठाकर बाहर घुमाने ले जाते हैं, लेकिन कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप नियमों के चलते उन्हें ऑटो-रिक्शा चलाना कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा. हालांकि, लॉकडाउन समाप्त हो चुका है, लेकिन अभी भी सब पहले की तरह स्थिर नहीं है.

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बेटी के लिए पिता का उपहार
कोरोना काल में सुरेश अपने परिवार को बाहर ले जाने के विचार पर ही चिंतित हो जाते थे. कोरोना वायरस के डर से अपने परिवार अपनी बेटी को बाहर ले जाने के नाम पर ही वह काफी परेशान हो जाते हैं. इन सभी परेशानियों से घिरे सुरेश ने एक समाधान खोज निकाला. उन्होंने अपनी बेटी के लिए एक ऐसा वाहन बनाया, जो ऑटो-रिक्शा सा दिखाई पड़ता है.

इन चीजों के इस्तेमाल से बनाया वाहन
ऑटोमोबाइल मैकेनिक के रूप में सुरेश का पहले का अनुभव काफी बेहतरीन रहा है. लघु मॉडल बनाने में उनके कौशल व कार्य रुचि के चलते उन्होंने एक पैडलनुमा ऑटो रिक्शा का निर्माण किया. उन्होंने इसके लिए ऑटो-रिक्शा में लगने वाली फोम शीट, प्लाईवुड, लोहे के पाइप, साइकिल पैडल, पहियों, लकड़ी के टुकड़ों के साथ-साथ प्लास्टिक शीट का प्रयोग किया.

डेढ़ महीने की कड़ी मेहनत का फल
सुरेश को ऑटो-रिक्शा को बनाने में लगभग डेढ़ महीने का समय लगा, जिसे उन्होंने 'स्नेहमोल' का नाम दिया. वह इस ऑटो-रिक्शा को अपने घर के आंगन में पार्क करते हैं. कुछ दिनों से सुरेश कुछ काम के चलते शहर से बाहर हैं, इस बीच सुरेश की पत्नी सरिशा बेटी स्नेहा को इसी ऑटो-रिक्शा से बाहर ले जाती हैं.

Last Updated : Oct 24, 2020, 6:21 PM IST

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