नई दिल्लीः चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ एक शिकायत मामले में सुनवाई चल रही है इस मामले से संबंधित तीसरी सुनवाई में न्यायालय ने कहा कि कुछ अमीर और शक्तिशाली लोग न्यायालय को अपने अधीन करना चाहते हैं.
साजिश के मामले में सुनवाई शुरू हो चुकी है न्यायालय पीठ ने कहा कि यह मामला बेहद ही गंभीर है.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि वकील उत्सव बैंस के हलफनामे में कहा गया है कि अजय नाम का शख्स उनसे मिला. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि आरोप लगाने वाली महिला कुछ अन्य रजिस्ट्री कर्मचारियों संग तपन चक्रवर्ती और मानव शर्मा द्वारा एक साजिश रची गई थी.
उन्होंने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि न्यायपालिका में फिक्सिंग नहीं होना चाहिए. हम इस मुद्दे की जड़ तक जाना चाहते हैं- ये फिक्सर कौन हैं?
जस्टिस मिश्रा ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि अगर इस हलफनामे की ओर ध्यान न दिया गया तो देश का न्यायपालिका पर से विश्वास उठ जाएगा.
फिक्सिंग की बात पर उन्होंने आगे कहा कि हम इस बात से बहुत पीड़ा में हैं कि एक कथित नेटवर्क सर्वोच्च न्यायालय को अपने हिसाब से चलाना चाहता है. और न्यायालय में यह बात भी सामने आई है कि अक्सर इन फिक्सरों का प्रतिनिधित्व सर्वोच्च न्यायालय के शीर्ष वकील करते हैं.
आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. इस महिला कर्मचारी ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को एक पत्र भेजा था जिसमें आरोप लगाया गया है.
इस पर चीफ जस्टिस गोगोई ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि इसके पीछे कोई बड़ी ताकत होगी, वे सीजेआई के कार्यालय को निष्क्रिय करना चाहते हैं.