नई दिल्लीः तबलीगी जमात से जुड़े 34 विदेशी नागरिकों की अपने देश वापस लौटने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामले दिल्ली की साकेत कोर्ट में हैं और इन याचिका पर सुनवाई कर निपटारा किया जा सकता है.
केंद्र ने आज उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि भारत में फंसे विदेशी तबलीगी जमात के सदस्य अपने देश जाने के लिए स्वतंत्र हैं. उनके खिलाफ लगे नोटिसों को वापस ले लिया गया है. जिन पर आपराधिक मामले लंबित हैं, वे माफी मांग सकते हैं और भारत को छोड़ सकते हैं.
न्यायमूर्ति ए के खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसे नागरिक देश से जाने के लिये आजाद हैं बशर्ते उनके खिलाफ अदालत में उपस्थित होने के अदालत के आदेश सहित कोई अन्य कार्यवाही लंबित नहीं हो.
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पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर सभी विदेशी जमाती कोर्ट में अपनी गलती मानते हुए माफी मांग लेते हैं तो जुर्माना भरकर यह लोग अपने-अपने देश वापस लौट सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि अबतक कुल 34 आरोपियों में से 10 लोगों ने ट्रायल कोर्ट में प्ली बारगेनिंग दाखिल की है. जबकि अन्य 24 आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट में मुकदमा लड़ने की बात कही है.