नई दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि सांसदों/विधायकों के खिलाफ सबसे पुराना आपराधिक मामला पंजाब का है. यह मामला साल 1983 से ही लंबित है. न्यायमूर्ति एन.वी. रमाना, सूर्यकांत और हृषिकेश रॉय की पीठ ने गुरुवार को यह टिप्पणी आपराधिक मामले में दोषी लोगों को चुनाव लड़ने से रोक लगाने वाली जनहित याचिका पर दी.
न्याय मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने सुप्रीम कोर्ट के पांच मार्च के आदेश का हवाला दिया, जिसमें सांसदों और विधायकों के विरुद्ध लंबित मामलों के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था. न्यायमूर्ति रमाना ने हंसारिया से पूछा कि सबसे पुराना लंबित मामला कौन सा है. वकील ने कहा कि सबसे पुराना मामला 1983 का है और यह पंजाब राज्य से है.
न्यायमूर्ति रमना ने कहा यह आश्चर्यजनक है. उम्रकैद से संबंधित मामला क्यों 36 साल से लंबित है? पंजाब की ओर से पेश वकील ने कहा कि वह मामले को देखेंगे और अगली सुनवाई में सूचित करेंगे. शीर्ष अदालत ने केंद्र से चुनाव लड़ने से आजीवन पाबंदी पर रोक लगाने पर 6 सप्ताह के अंदर पक्ष स्पष्ट करने को कहा.