नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के निर्भया गैंगरेप-हत्या केस के दोषी विनय शर्मा की याचिका खारिज कर दी. शुक्रवार को पीठ के समक्ष मामला आने के बाद दोषी विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने कहा, 'मेरे दिमाग में केवल एक सवाल उठता है, कि चुनाव की आदर्श आचार संहिता के दौरान क्या डिजिटल हस्ताक्षर वैध हैं ?' पीठ ने एपी सिंह की दलील का कोई संज्ञान नहीं लिया, और याचिका खारिज कर दी.
निर्भया मामले में दोषियों को फांसी पर अलग-अलग लटकाने की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 फरवरी को सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति कोविंद द्वारा दया याचिका की अस्वीकृति को चुनौती देने वाले मौत के दोषी विनय कुमार शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया है कि विनय शारीरिक और मानसिक तौर पर एकदम स्वस्थ है.
निर्भया मामले का घटनाक्रम निर्भया केस के दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने से जुड़ी केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पवन कानून को नहीं रोक सकता... मैं उसे कुछ भी फाइल करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता... उसे एक सप्ताह का समय दिया गया था लेकिन उसने कुछ भी नहीं किया.
पवन की ओर से पेश हुईं वकील वृंदा ग्रोवर ने जवाबी हलफनामा दायर किया. अक्षय और मुकेश के लिए वकील एपी सिंह ने पैरवी की.
इसके बाद बेंच ने कहा कि याचिका पर आगे की सुनवाई सोमवार को की जाएगी.
गौरतलब है कि दोषियों के लिए डेथ वारंट जारी करने के संबंध में पटियाला हाउस कोर्ट को फैसला करना है. ये केस 17 फरवरी को दोपहर 2 बजे के लिए सूचीबद्ध किया गया है.
केस की सुनवाई के दौरान जज भानुमति बेहोश-
शुक्रवार को दोषियों को अलग-अलग फांसी देने की याचिका को पर सुनवाई के दौरान जस्टिस भानुमति बेहोश हो गईं. इस कारण पीठ ने आदेश बाद में दिए जाने की बात कही. बता दें वह मामले में दोषियों को लेकर केंद्र द्वारा की गई प्रस्तुतियां सुन रही थी. उन्हें सुनवाई के दौरान बेहोश होने के तुरंत बाद चैंबर में ले जाया गया. पीठ ने मामले को स्थगित कर दिया है और कहा है कि आदेश बाद में जारी किया जाएगा.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'जस्टिस आर भानुमती को तेज बुखार था और उन्हें अभी भी तेज बुखार है. चैम्बर में डॉक्टरों द्वारा उसकी जांच की जा रही है. जब वह मामले की सुनवाई कर रही थीं, तब उनका इलाज चल रहा था.'
इससे पहले मामले पर निर्भया की मां ने मीडिया से कहा था, 'कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से अपने अपने पक्ष रखे गए. फिलहाल कोर्ट ने फैसला पर रिजर्व कर लिया है. लेकिन मुझे उम्मीद है कि उनकी याचिका को कल खारिज कर दिया जाएगा.'
वहीं, इस मामले पर अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा था कि आज कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई, जिसे कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. उन्होंने कहा, 'हमने दया याचिका खारिज होने के दस्तावेज मांगे, लेकिन हमें वह दस्तावेज नहीं दिए गए. इसके बाद हमने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी ताकि हमें दस्तावेज मिल सकें.'
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गौरतलब है कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज करने के फैसले को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. विनय शर्मा ने यह याचिका अपने वकील ए.पी. सिंह के जरिए दायर की थी.
बता दें, इस याचिका में शर्मा के वकील ने वकील ए.पी. सिंह ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील करने का आग्रह किया गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गत एक फरवरी को विनय की क्षमादान याचिका को खारिज कर दिया था.
वहीं दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि केंद्र की याचिका का लंबित होना फांसी की नई तारीख प्रदान करने को लेकर निचली अदालत के लिए अवरोधक नहीं होगा.
निर्भया केस के घटनाक्रम पर एक नजर :-
- 16 दिसंबर 2012: वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया.
- 17 दिसंबर 2012: पुलिस ने वारदात में शामिल बस बरामद की और एक आरोपी राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
- 18 दिसंबर 2012: विनय शर्मा, मुकेश और पवन को पुलिस ने गिरफ्तार किया.
- 21 दिसंबर 2012: एक नाबालिग आरोपी को आईएसबीटी से पकड़ा गया. वहीं औरंगाबाद से अक्षय को गिरफ्तार किया गया.
- 25 दिसंबर 2012: मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने निर्भया का बयान दर्ज किया.
- 26 दिसंबर 2012: निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल भेजा गया.
- 29 दिसंबर 2012: सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ा.
- 11 मार्च 2013: तिहाड़ जेल में राम सिंह ने फांसी लगाकर की खुदकुशी.
- 13 सितंबर 2013: निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई.
- 13 मार्च 2014: दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा.
- 5 मई 2017: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका को खारिज करते हुए उनकी सजा को बरकरार रखा.
- 9 जुलाई 2018: सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिव्यू पेटिशन को खारिज कर दिया.
- 7 जनवरी 2020: निर्भया के चारों दोषियों की फांसी के लिए 22 जनवरी सुबह 7 बजे का समय अदालत ने तय किया.
- 17 जनवरी 2020: अदालत ने एक फरवरी के लिए नया डेथ वारेंट जारी किया.
- 31 जनवरी 2020: अदालत ने दोषियों की फांसी के लिए जारी डेथ वारंट को रद्द कर दिया.