नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय द्वारा आज चार जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया गया. खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई की थी. इनमें ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाना और फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर के लिए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) से छूट वाली याचिकाएं शामिल हैं. बता दें, कोरोना महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट जरूरी मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कर रहा है.
ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाना
सुप्रीम कोर्ट ने ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाने और उन तक आर्थिक मदद पहुंचाने वाली याचिका पर कोई भी आदेश देने से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा है कि सरकार को मौजूदा हालातों को देखते हुए कदम उठाने दिए जाए.
न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने कहा कि फिलहाल हम कोई भी आदेश नहीं देंगे.
बता दें, न्यायालय ने यह बात उस वक्त की, जब सरकार की ओर से सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को यह बताया कि ईरान में भी लॉकडाउन है और वहीं अंतरराज्यीय सीमा सील है.
इसके साथ ही उन्होंने अदालत को इस बास से भी परिचित कराया कि भारतीय दूतावास दूरदराज के इलाकों में रह रहे इन लोगों के संपर्क में है.
चिड़ियाघर में जानवरों के लिए भोजन की उचित आपूर्ति
सुप्रीम कोर्ट ने आज एक और जनहित याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया. इस याचिका में कोरोना वायरस महामारी के बीच चिड़ियाघर में जानवरों के लिए भोजन की उचित आपूर्ति की मांग की गई थी.
याचिकाकर्ता संगीता डोगरा ने तर्क दिया कि वह एक कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में चिड़ियाघर में जानवरों के लिए प्राप्त मांस है कि नहीं, यह एक मुद्दा है.
इस पर न्यायमूर्ति एसके कौल ने कहा, 'यह ऐसी महामारी है, जहां मानव जीवन संकट में हैं. चिड़ियाघर में जानवरों की देखभाल हो रही है या नहीं, इस बात को बाद में देखा जाएगा. इस पर आप अदालत से क्या उम्मीद कर रहीं हैं.