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महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का लाइव टेलिकास्ट होगा : सुप्रीम कोर्ट

महाराष्ट्र में सरकार गठन से जुड़ी याचिका पर उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायधीशों की पीठ ने अहम फैसला सुनाया है. पीठ ने कहा है कि विधानसभा में बहुमत परीक्षण का सीधा प्रसारण किया जाएगा. कोर्ट ने 27 नवंबर शाम पांच से पहले विधायकों की शपथ कराने का भी निर्देश दिया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Nov 25, 2019, 10:51 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 11:08 AM IST

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सरकार गठन पर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया. कोर्ट नंबर दो में जस्टिस एनवी रमन्ना, अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र पर फैसला पढ़ते हुए कहा कि इस मामले में अंतरिम आदेश पारित करना काफी अहम है.

तीन जजों की पीठ के फैसले का मुख्य अंश

  • फैसला पढ़ने की शुरुआत करते हुए जस्टिस रमन्ना ने कहा कि एक महीना बीतने के बाद भी विधायकों की शपथ नहीं हो सकी है.
  • पीठ ने कहा कि सभी विधायकों को 27 नवंबर शाम पांच बजे से पहले शपथ लेनी होगी.
  • सुप्रीम कोर्ट ने प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति का भी जिक्र किया.
  • कोर्ट ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा.
  • सीक्रेट बैलेट का प्रयोग नहीं होगा.
  • प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया जाता है.

बता दें कि भाजपा देवेन्द्र फडणवीस सरकार के पास बहुमत होने का दावा कर रही है. दूसरी ओर कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना गठबंधन भी 162 विधायकों के समर्थन के साथ बहुमत होने का दावा कर रही है.

इससे पहले महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर बाधित रही. हंगामे के कारण लोकसभा दो बार के स्थगन के बाद वहीं राज्यसभा एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.

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लोकसभा में पूर्वाह्न 11 बजे प्रश्नकाल के दौरान मौखिक सवाल के रूप में पहला प्रश्न कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नाम से सूचीबद्ध था, लेकिन महाराष्ट्र मुद्दे पर उस समय सदन में चल रहे हंगामे की ओर ध्यान दिलाते हुए वायनाड के सांसद ने कहा, 'महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है.'

महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए भाजपा को आमंत्रित करने और फडणवीस व अजित पवार को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी थी. इसके खिलाफ तीन दलों शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकपा) की एक याचिका पर 80 मिनट की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति एन.वी. रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि मंगलवार को पूर्वाह्न फैसला सुनाया जाएगा.

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शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने सोमवार को ही फडणवीस को सदन में अपना बहुमत सिद्ध करने का आदेश देने का अनुरोध किया, लेकिन फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के वकीलों ने इसका विरोध किया.

हाल में हुए विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में भाजपा ने 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी. शिवसेना ने 56, राकांपा ने 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बहुमत का आंकड़ा 145 है.

केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि महाराष्ट्र में सरकार के गठन के लिए भाजपा को राकांपा के सभी 54 विधायकों का समर्थन प्राप्त था और उन्होंने इस गठबंधन की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो तीन दिन का समय देने का अनुरोध किया.

शिवसेना की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि गठबंधन के पास 154 विधायकों के हलफनामे हैं और अगर भाजपा के पास बहुमत है तो उसे 24 घंटे के भीतर इसे साबित करने के लिए कहा जाना चाहिए.

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इस बीच शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा द्वारा बनाये गए महागठबंधन 'महा विकास अघाड़ी' ने मुंबई में दिन में राज्यपाल के कार्यालय को एक पत्र सौंपा, इसमें कहा गया कि उसके पास बहुमत है, जबकि हाल ही में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले फडणवीस के पास आवश्यक संख्या बल नहीं है.

शिवसेना के नेता संजय राउत ने पत्रकारों से कहा कि तीनों पार्टियों के पास अपने-अपने विधायकों के हस्ताक्षर हैं और उच्चतम न्यायालय को यह सूची सौंपी जाएगी.

Last Updated : Nov 26, 2019, 11:08 AM IST

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