दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

आरक्षण बुनियादी अधिकार नहीं : सुप्रीम कोर्ट - आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है. तमिलनाडु में नीट पीजी रिजर्वेशन मामले से संबंधित याचिका को लेकर कोर्ट ने यह टिप्पणी की. कोर्ट ने दाखिल की गई याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी.

Supreme Court on reservation
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट

By

Published : Jun 11, 2020, 1:37 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए आरक्षण को लेकर बड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि आरक्षण कोई बुनियादी अधिकार नहीं है. तमिलनाडु में नीट पीजी रिजर्वेशन मामले से संबंधित याचिका को लेकर कोर्ट ने यह टिप्पणी की. कोर्ट ने दाखिल की गई याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी.

अन्ना द्रमुक ने वर्ष 2020-21 शैक्षणिक सत्र में मेडिकल स्नातक, पीजी और डेन्टल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के अखिल भारतीय कोटे में तमिलनाडु द्वारा छोड़ी गई सीटों में राज्य के कानून के अनुसार अन्य पिछड़े वर्गो के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का समर्थन किया था.

अन्नाद्रमुक ने अपनी याचिका में कहा था कि तमिलनाडु के कानून के तहत व्यवस्था के बावजूद अन्य पिछड़े वर्गो के छात्रों को 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं देने का तर्क संगत नहीं है.

याचिका के अनुसार ऑल इंडिया कोटा व्यवस्था लागू होने के बाद से ही कई शैाणिक सत्रों में देश के मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिये ऑल इंडिया कोटा सीट में अन्य पिछड़े वर्गो का प्रतिनिधित्व कम रहा है.

यह भी पढ़ें: माकपा ने मेडिकल सीटों के तमिलनाडु के हिस्से में आरक्षण लागू करने के लिए याचिका दायर की

पार्टी ने वर्ष 2020-21 के मेडिकल के स्नातक, पीजी और डेन्टल पाठ्यकमों के लिये ऑल इंडिया कोटे में तमिलनाडु द्वारा छोड़ी गई सीटों में राज्य के कानून के अनुसार अन्य पिछड़े वर्गो के लिये 50 फीसदी सीटें आरक्षित करने की व्यवस्था लागू करने का अनुरोध किया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details