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NRC के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए आधार जैसी व्यवस्था लाई जाएः SC

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Published : Aug 14, 2019, 5:47 AM IST

Updated : Sep 26, 2019, 10:45 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि असम के एनआरसी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए आधार जैसी समुचित व्यवस्था लागू की जाए. एनआरसी को 31 अगस्त को प्रकाशित किया जाना है. पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के आंकड़ों को सुरक्षित रखने के लिए आधार जैसी कोई समुचित प्रणाली लागू की जानी चाहिए.

जानकारी के लिए बता दें, एनआरसी का प्रकाशन 31 अगस्त को किया जाना है.

शीर्ष अदालत ने कहा कि असम एनआरसी में शामिल किए गए लोगों और शामिल नहीं किए गए लोगों के नामों की सूची का डेटा सुरक्षित रखने के लिए उचित प्रणाली लागू करने के बाद ही केंद्र, राज्य सरकार और भारत के महापंजीयक को सौंपा जाएगा.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने निर्देश दिया कि एनआरसी के सेवा केंद्रों, क्षेत्रीय कार्यालयों और राज्य में जिला मजिस्ट्रेटों के दफ्तरों पर केवल पूरक सूची की हार्ड कॉपी ही प्रकाशित की जाएगी.

पीठ ने अपने 21 पन्नों के आदेश में कहा, हम यह निर्देश भी देते हैं कि 31 अगस्त, 2019 को प्रकाशित होने वाली सूची केवल ऑनलाइन ही प्रकाशित की जाएगी.

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शीर्ष अदालत ने कहा, जहां तक एनआरसी के आंकड़ों की सुरक्षा और रखरखाव के संबंध में राज्य समन्वयक के अनुरोध की बात है तो हम निर्देश देते हैं कि आधार डेटा द्वारा प्रदान की जा रही सुरक्षा प्रणाली की तर्ज पर ही समुचित व्यवस्था लागू की जाए.

इसके बाद ही शामिल किये गये और शामिल नहीं किये गये नामों की सूची राज्य सरकार, केंद्र सरकार और भारत के महापंजीयक को उपलब्ध कराई जाएगी.

जानकारी के लिए बता दें, शीर्ष अदालत की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पिछले साल 26 सितंबर को केंद्र की आधार योजना को संवैधानिक रूप से वैध घोषित किया था. हालांकि इसके कुछ प्रावधानों को निष्प्रभावी कर दिया था.

Last Updated : Sep 26, 2019, 10:45 PM IST

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